बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर हलचल काफी तेज हो गई है। बीती देर रात जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह पटना से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में ये दोनों आज भाजपा आलाकमान से बैठक करेंगे जिसमें सरकार के स्वरूप और संभावित कैबिनेट पर निर्णय होगा। इधर पटना में एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों वरिष्ठ जदयू नेताओं को भाजपा आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है। एनडीए विधायक दल की बैठक 19 नवंबर को होगी, जिसमें गठबंधन औपचारिक रूप से अपना नेता चुनेगा। नीतीश कुमार के उसी दिन इस्तीफी देने की उम्मीद है, जिसके बाद 17वीं बिहार विधानसभा भंग हो जाएगी। कहा जा रहा है नीतीश कुमार 20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ लेंगे। मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम और कुछ मंत्री भी शपथ ग्रहण करेंगे।
इसबीच आज दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा गृह मंत्री अमित शाह के आवास पहुंचे। बिहार में सरकार के गठन की कवायद के बीच माना जा रहा कि गृहमंत्री के आवास पर ही जदयू नेताओं संजय झा और ललन सिंह भी पहुंचने वाले हैं। संभावना है कि यहीं सभी नेताओं की बैठक होगी जिसके बाद बिहार में सरकार गठन में सबकुछ तय हो जाएगा। बिहार में जदयू) और भाजपा के अलावा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) भी नयी सरकार का हिस्सा होंगी। सूत्रों के अनुसार, लोजपा (रामविलास) को तीन, जबकि हम और रालोमो को एक-एक मंत्री पद मिलने की संभावना है। भाजपा से अधिकतम 16 और जदयू से 14 मंत्री, मुख्यमंत्री के साथ 20 नवंबर को शपथ ले सकते हैं।
20 नवंबर को होने वाला शपथ समारोह गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए शासित सभी राज्यों के सीएम को आमंत्रित किया गया है। शपथ से पहले एनडीए विधायक दल की बैठक 19 को बुलाई गई है। इसमें नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगेगी। इसके पहले भाजपा और जदयू दोनों पार्टियां अलग—अलग अपने विधायक दल की बैठक करेंगे। इसी के बाद एनडीए विधायक दल की बैठक होगी जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को चुना जाएगा। सूत्रों ने बताया कि जद(यू) अपने अधिकांश मंत्रियों को बरकरार रख सकता है, जबकि भाजपा कुछ नए चेहरों को शामिल कर सकती है। पिछले मंत्रिमंडल के 25 मंत्रियों में से 24 ने इस बार चुनाव जीता, जबकि एकमात्र पराजित मंत्री सुमित कुमार सिंह इस बार अपनी सीट नहीं बचा सके।