* भारत के परमाणु हथियारों और मिलिट्री बेस को खत्म करने का खतरनाक इरादा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के घोषणा पत्र से स्पष्ट है कि उसे भारत के संविधान पर भरोसा नहीं है। चीन परस्त सीपीआईएम का वादा है कि अगर उसकी यानी इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो वह जहां जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए को फिर से बहाल करेगी वहीं भारत के परमाणु हथियारों को खत्म करने के साथ ही मिलिट्री बेसों को भी समाप्त कर देगी। सीपीआईएम के घोषणापत्र के नजरिए से उसके खतरनाक इरादे और भारत विरोध को सहजता से समझा जा सकता है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने अपने घोषणापत्र में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) और नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए)जैसे कानूनों को खत्म करने का वादा किया है।
सीपीआईएम ने अपने मेनिफेस्टों में सामान्य सम्पति कर और विरासत कर पर एक कानून लाकर अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने का वादा किया है। साथ ही मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन दोगना करने और शहरों में रोजगार की गारंटी देने वाला एक नया कानून लाने का वादा किया है।
सीपीआईएम ने अपने घोषणा पत्र में सरकारी उपक्रमों के निजीकरण को वापस लेने, किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी और स्मामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान किया है। साथ ही उसने राजनीतिक पार्टियों को उद्योगों से चंदा लेने पर रोक लगाने का वादा भी अपने मेनिफेस्टो में किया है।
अपने 44 पन्ने के घोषणा पत्र में सीपीआईएम ने मोदी सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को रद्द करने की बात कही है। वामपंथी विचारधारा वाली इस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में सत्ता में आने पर निजी क्षेत्र, शिक्षा और रोजगार में जाति-आधारित आरक्षण शुरू करने का आश्वासन दिया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मौत की सजा के प्रावधान को पूरी तरह से हटाने का भी वादा किया है। अपने घोषणापत्र में कहा है कि फाइनेंस, डिफेंस, हायर एजुकेशन और मीडिया जैसे क्षेत्रों में फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) पर लगाम लगाएगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में फन्।क् (चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता) और 12न्2 जैसे गठबंधनों से देश को बाहर निकालने की बात कही है। अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत फन्।क् के सदस्य देश है। 12न्2 ग्रुप में भारत,इजरायल,यूएई और अमेरिका शामिल है। क्वाड मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन की विस्तारवादी नीतियों को चुनौती देने के लिए बनाया गया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए को फिर से बहाल करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया है।
सीपीआईएम ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह सत्ता में आने पर भारत के परमाणु हथियारों को खत्म कर देगी। साथ ही मिलिट्री बेसों को समाप्त कर देगी। उसने कई राज्यों द्वारा बनाए गए धर्मांतरण विरोधी कानूनों को रद्द करने का वादा भी अपने मेनिफेस्टो में किया है और ‘नई पेंशन योजना’ को समाप्त करने का भी वादा किया है।
सीपीआईएम ने विदेश नीति के बारे में अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह चीन के साथ संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर देगी और सीमा विवाद को बातचीत से सुलझाएगी। सीपीआईएम ने किसानों के संस्थागत ऋण और निजी ऋण दोनों को माफ करने का वादा अपने घोषणापत्र में किया है।
सीपीआईएम ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को रद्द करने की घोषणा की है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023 को भी खत्म करने का वादा किया है और कहा है कि यह कानून अधिनायकवाद को प्रोत्साहित करता है।