महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इसकी घोषणा की। राधाकृष्णन की उम्मीदवारी इसलिए खास है क्योंकि वह उस दौर के नेता हैं, जिन्होंने संघ-भाजपा की वैचारिक लड़ाइयों को जमीनी स्तर पर लड़ा है। उधर जेडीयू ने एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का समर्थन किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दी हैं। सीएम नीतीश ने अपने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी॰पी॰ राधाकृष्णन जी को एन॰डी॰ए॰ के उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के निर्णय का स्वागत है। जदयू श्री सी॰पी॰ राधाकृष्णन जी का समर्थन करेगा। उन्हें शुभकामनाएं।”
तमिलनाडु के रहने वाले चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के 24वें और वर्तमान राज्यपाल हैं। इससे पहले वे बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के भी राज्यपाल रह चुके हैं। भाजपा ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर न केवल विपक्ष को असहज किया है, बल्कि तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत में बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश भी की है। बीजेपी अधयक्ष जेपी नड्डा ने उनके नाम का ऐलान करते हुए कहा कि हमने एनडीए में शामिल सभी दलों से चर्चा की और उनसे सुझाव भी मांगे गए। इसके बाद सभी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाई।
अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ काम कर चुके राधाकृष्णन ने हमेशा खुद को संगठन के प्रति समर्पित रखा। ओबीसी समुदाय से आने वाले इस नेता की छवि न केवल लो प्रोफाइल रही है बल्कि वे सदन और सरकार, दोनों में अपनी गहरी समझ के लिए भी जाने जाते हैं। भाजपा की रणनीति साफ है। राष्ट्रपति पद आदिवासी समाज से, प्रधानमंत्री पिछड़े वर्ग से और अब उपराष्ट्रपति पद भी ओबीसी नेता को देकर पार्टी 2029 और उससे आगे के चुनावों का सामाजिक समीकरण साध रही है।