पटना में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है। पिछले दो दिनों में 12 नए मामले सामने आए हैं, जिससे एक्टिव मामलों की संख्या 22 हो गई है। जबकि पिछले 24 घंटे में 7 नए मरीज मिले हैं जिनमें NMCH में एक इंटर्न डॉक्टर समेत तीन मरीज शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक हफ्ते में पटना के PMCH, NMCH, AIIMS और IGIIMS जैसे बड़े अस्पतालों में 80 से ज्यादा लोगों की जांच हुई जिनमें से 22 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इन 22 कोरोना संक्रमितों में से 20 मरीज अपने घर पर ही इलाज करा रहे हैं। जबकि 2 मरीजों को एडमिट किया गया है।
पटना में तेजी से फैल रहा कोरोना
बिहार की राजधानी पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। यहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। NMCH में जांच के दौरान तीन नए मरीज मिले हैं। इनमें एक इंटर्न डॉक्टर, NTPC का एक 26 साल का युवक और कदमकुआं का एक 45 साल का मरीज शामिल है। एम्स पटना में भी दो डॉक्टर और दो नर्स पहले ही संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी मरीजों को सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण थे। स्वास्थ्य विभाग जून के पहले हफ्ते से जांचों की संख्या बढाने पर विचार कर रहा है। अभी पटना में कोरोना की जांच की सुविधा सीमित है क्योंकि आईजीआईएमएस और पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में अभी तक कोरोना की जांच शुरू नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार अब सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और एनएनजेपी हड्डी अस्पताल में भी जांच शुरू करने की कवायद की जा रही है।
सिविल सर्जन ने लोगों को ये दी सलाह
पटना के सिविल सर्जन ने लोगों से कहा है कि अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण हों, तो तुरंत कोरोना की जांच कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन मरीजों का ऑपरेशन होना है, उनकी पहले जांच कराना जरूरी है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और बार-बार हाथ धोना जरूरी है। अगर किसी को कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टरों का कहना है कि इसबार कोरोना मरीजों में सिर में तेज दर्द, खासकर कमर के पीछे के हिस्से में दर्द होने की शिकायत अधिक मिल रही है।