बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज गुरुवार की सुबह-सुबह राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। मुख्यमंत्री और राज्यपाल की मुलाकात की वजह अभी सामने नहीं आयी है लेकिन माना जा रहा है कि खरमास के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। हालांकि इसकी औपचारिक सूचना नहीं दी गई है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत को लेकर जो सियासी कानाफूसी चल रही है उस बीच में इस मुलाकात से राजनीति गलियारे का तापमान भी बढ़ा हुआ है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ एनडीए के एमएलसी प्रत्याशी ललन प्रसाद के नामांकन में पहुंचे।
राजभवन क्यों पहुंचे नीतीश कुमार?
सीएम नीतीश कुमार राजभवन क्यों गए हैं, इसे लेकर जदयू की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन चर्चा है कि बिहार में कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है और इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री की मुलाकात राज्यपाल से हो सकती है। इधर, सीएम की इस मुलाकात ने पटना समेत बिहार के सियासी पारे को चढ़ा दिया है। इसकी बड़ी वजह पिछले कुछ दिनों से लगाई जा रही अटकलें हैं जिसे खुद नीतीश कुमार ने भी खारिज किया है। नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान कई मौकों पर बयान देते हुए साफ किया कि वो एनडीए के साथ ही सरकार में रहेंगे और 2025 का अगला विधानसभा चुनाव भी अपने पुराने साथियों के साथ मिलकर लड़ेंगे।
संजय झा का बयान आया समने
बिहार में पिछले कुछ दिनों से लगातार अटकलें चलती रही। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने नीतीश कुमार को ऑफर तक दे दिया जिसपर खुद नीतीश कुमार ने बयान देते हुए साफ किया कि वो एनडीए के साथ ही रहेंगे। सीएम और राज्यपाल की आज की इस मुलाकात से पहले जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से जब मीडिया ने 14 जनवरी के बाद कुछ होने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने चुटकी ली। संजय झा ने कहा कि— हां हम निकलनेवाले हैं। 15 जनवरी से एनडीए की यात्रा शुरू होगी। संजय झा ने साफ शब्दों में कहा कि बिहार चुनाव जदयू एनडीए में रहकर ही लड़ेगा। इधर, बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए NDA उम्मीदवार ललन प्रसाद ने आज नामांकन दाखिल किया। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की भी मौजूदगी रही। NDA के कई और बड़े नेता इस दौरान मौजूद रहे।