पारस हॉस्पिटल में गुरुवार सुबह बदमाशों ने सरेआम घुसकर इलाज के लिए वहां भर्ती बक्सर के एक कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। इसके बाद वे राज्यपाल से मिले और उन्होंने उनसे बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। मृतक चंदन मिश्रा के बारे में पटना एसएसपी ने बताया कि वह बक्सर जिले का दुर्दांत अपराधी था। उसपर हत्या के दर्जनों केस दर्ज थे। एक केस में वह सजायाफ्ता भी है। चंदन मिश्रा को बक्सर से भागलपुर जेल में ट्रांसफर किया गया था। लेकिन इलाज के लिए उसे पैरोल पर इलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चंदन मिश्रा तब सुर्खियों में आया जब उसने चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी की हत्या कर दी। उसे इस कांड में दोषी ठहराया गया था। आइए जानते हैं चंदन मिश्रा की पूरी क्राइम कुंडली के बारे में।
दरअसल बक्सर में जरायम की दुनिया के दो नाम काफी अरसे से चर्चित रहे हैं। इसे चंदन और शेरू की जोड़ी के रूप में भी जाना जाता है। चंदन मिश्रा और शेरू की इस जोड़ी का नाम कई बड़ी वारदातों में सुर्खियों में आया है। राजेंद्र केसरी हत्याकांड के अलावा उन पर हत्या, फिरौती और लूट जैसे कई संगीन मामलों के आरोप हैं। 2011 में हुई चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी हत्याकांड में चंदन का साथी शेरू सिंह तो फिलहाल भागलपुर जेल में बंद है, लेकिन चंदन पैरोल पर इलाज के लिए पारस में भर्ती हुआ था। लेकिन यही पैरोल उसके लिए जानलेवा साबित हुआ।
21 अगस्त 2011 को बक्सर में रंगदारी नहीं देने पर चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड में मृतक के परिजनों के द्वारा कुख्यात अपराधी शेरू सिंह और चंदन मिश्रा समेत कुछ अन्य आरोपित बनाए गए थे। चंदन मिश्रा और शेरू बंगाल से गिरफ्तार हुए थे। चौंकाने वाली बात यह कि शेरू को जब कोर्ट में पेश किया गया था और जज फैसला सुना रहे तो मौका देखकर शेरू ने कोर्ट में ही एक पुलिसकर्मी की हत्या गोली मारकर कर दी थी और फरार हो गया था। बाद में उसे आरा पुलिस ने पकड़ा था। बाद में शेरू को फांसी की सजा सुना दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी फांसी पर रोक लगा दी थी। वहीं इसी हत्याकांड में चंदन मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी।
बिहार की सबसे बड़ी लूट–आरा के तनिष्क शोरूम कांड में भी शेरु सिंह और चंदन मिश्रा की संलिप्तता पाई गई थी। बहरहाल, चूना कारोबारी के मर्डर से पहले 2011 में ही बक्सर धोबीघाट के पास एक जेलकर्मी हैदर इमाम वर्सी की हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में भी चंदन मिश्रा और शेरू सिंह आरोपित थे। हाल में यह खबर भी आई कि किसी बात को लेकर हुई अनबन के बाद दोनों की राहे अलग-अलग हो गई थी। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है कुछ कहा नहीं जा सकता। शेरू और चंदन ने 2009 से 2012 के बीच करीब डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। जेल के अंदर रहकर भी दोनों हत्या की घटनाओं को अंजाम दिलवाते रहे। 2015 के विधानसभा चुनाव के समय शेरू और चंदन मिश्रा को बक्सर सेंट्रल जेल से भागलपुर जेल में शिफ्ट किया गया था और तब से दोनों वहीं बंद थे।