ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान पूरी तरह बैकफुट पर है। आज उसने गलती से बॉर्डर पार कर जाने वाले BSF जवान पीके साहू को वापस सौंप दिया है। BSF के जवान पूर्णम साहू 20 दिन से अधिक तक पाकिस्तान के कब्जे में रहने के बाद अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत वापस आ गए हैं। पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकावादी हमले के एक दिन बाद उन्हें हिरासत में लिया था और उसके बाद से दोनों देशों में तनाव चरम पर था। भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इन सबके बीच पूर्णम साहू का परिवार उनकी वापसी की राह देख रहा था।
BSF की तरफ से एक बयान में कहा गया कि BSF जवान पूर्णम कुमार साहू जो 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे, उन्हें संयुक्त चेक पोस्ट अटारी से लगभग 10.30 बजे भारत को सौंप दिया गया। हैंडओवर शांतिपूर्ण और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया। 40 साल के पूर्णम साहू 23 अप्रैल को अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे और बाद में उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था। पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में बीएसएफ की 182वीं बटालियन में तैनात पूर्णम साहू वर्दी में थे और उनके पास उनका सर्विस राइफल भी था। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार घटना उस वक्त हुई जब साहू सीमा के पास किसानों के एक समूह की रक्षा के लिए उनके साथ थे। वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए चले गए और अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए।
पूर्णम साहू का परिवार पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा में रहता है। उनके हिरासत में जाने के बाद से ही उनकी पत्नी और परिवार चिंतित तथा व्याकुल था। स्थिति की गंभीरता से अनजान पूर्णम का 7 वर्षीय पुत्र लगातार पूछ रहा था कि उसके पिता कब लौटेंगे। अब उनके लौटने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि BSF को जम्मू-कश्मीर से गुजरात तक 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा का काम सौंपा गया है। गश्त के दौरान BSF जवानों के गलती से सीमा पार करने की घटनाएं आम हैं और इन्हें आमतौर पर फ्लैग मीटिंग के जरिए सुलझा लिया जाता है।