देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दोनों चुनाव आयुक्तों संग आज शनिवार को पटना के एक निजी होटल में राजनीति दलों के साथ बैठक की। इस बैठक में बीजेपी, जदयू, राजद, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों समेत 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को बुलाया गया है। लेकिन इस मीटिंग में जीतन राम मांझी की HAM, मुकेश सहनी की वीआईपी और उपेंद्र कुशवाहा की RLM को आने का निमंत्रण नहीं मिला है। इसबीच खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इस बैठक के दौरान चुनाव आयोग से एक चरण में ही बिहार विधानसभा चुनाव कराने की मांग रखी है। वहीं भाजपा ने भी एक या दो चरणों में चुनाव कराए जाने की बात पर जोर दिया और धार्मिक स्थलों पर बनाए गए बूथों को हटाने तथा बुर्का पहनी महिलाओं के बूथ में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है।
जानें…जदयू ने आयोग से क्या मांग रखी
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग की टीम के साथ बैठक में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने राज्य में एक चरण में ही चुनाव कराने की मांग की। खबर है कि जदयू की इस मांग को भारतीय जनता पार्टी ने भी समर्थन दिया। जदयू के सांसद संजय कुमार झा ने बैठक के बाद कहा कि हमने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बात रखी। बिहार में मतदाता पुनरीक्षण कार्य हुआ है, और बिहार देश को दिखाएगा कि यह कैसे किया जाता है। हमने आग्रह किया है कि बिहार में चुनाव एक ही चरण में कराए जाएं। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकते हैं, तो बिहार में क्यों नहीं?
भाजपा एक या दो चरणों में चुनाव चाह रही
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी चुनाव आयोग से आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं और चुनाव प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से लंबा न खींचा जाए। साथ ही बूथ पर आने वाली बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरों का मिलान उनके वोटर आईडी कार्ड से सुनिश्चित किया जाए ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही वोट डाल सकें। जायसवाल ने बताया कि उनकी अगुवाई में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से बूथ कैप्चरिंग और मतदाताओं के डराने-धमकाने की घटनाओं की आशंका वाले इलाकों में अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त तैनाती की मांग की है। यह मांग भी हुई कि कमजोर वर्गों, अत्यंत पिछड़े वर्गों की अधिकता वाले गांवों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती मतदान से कुछ दिन पहले ही की जाए और फ्लैग मार्च जैसे अभियानों के जरिए मतदाताओं में विश्वास पैदा किया जाए।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजनीतिक दलों के साथ इस बैठक के बाद पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी और एसएसपी व एसपी के साथ बैठक करेंगे। रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अपनी टीम के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद मुख्य सचिव, सचिव, डीजीपी, समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। यह जानकारी चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दी। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और राज्य में चुनाव अक्टूबर के अंत या नवंबर में कई चरणों में कराए जा सकते हैं।