बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में चुनाव आयोग ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दी है। इसी सिलसिले में मुख्य चुनाव आयुक्त भी पटना आ रहे हैं। संभावना है कि इस बार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। इसके साथ ही दिवाली और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों को ध्यान में रख कर ही चुनाव की तारीखें भी तय की जाएंगी। 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव भी तीन चरणों में आयोजित किए गए थे। बहुत संभव है कि इस बार भी आयोग वही फार्मूला अपना सकता है
जानकारी के अनुसार भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसी महीने बिहार का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान वे चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। वहीं चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी बिहार में जारी हो गया है। आयोग की यह कोशिश है कि महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली की तरह बिहार में मतदाता सूची को लेकर कोई विवाद उत्पन्न न हो। इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिहार, हरियाणा और दिल्ली में 6 से 10 जनवरी 2025 के बीच अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद कोई अपील दायर नहीं की गई है। बीएलओ को पहचान पत्र दिए जा रहे हैं ताकि वे घर-घर जाकर सत्यापन कर सकें।
चुनाव आयोग इस बार मतदाताओं को कई नई सुविधाएं देने जा रहा है। अब एक मतदान केंद्र पर 1500 की जगह अधिकतम 1200 मतदाता ही होंगे। साथ ही घनी आबादी वाले इलाकों में अतिरिक्त पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर से अधिक न चलना पड़े। इसके अलावा प्रत्येक मतदान केंद्रों के बाहर वोटरों के लिए मोबाइल जमा करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। वोटर स्लिप पर सीरियल और पार्ट नंबर बड़े और स्पष्ट अंकों में लिखे जाएंगे ताकि पहचान में आसानी हो।