राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की रैली में पीएम मोदी की ‘मां को गाली’ का विवाद अभी कांग्रेस के गले की फांस बना ही हुआ था कि अब बीड़ी का विवाद उसके गले पड़ गया है। केरल कांग्रेस के ट्वीट से शुरू हुए इस मामले के बाद कांग्रेस ने इस ट्वीट को डिलीट तो कर दिया, लेकिन अब यह चुनावी राज्य बिहार में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। भाजपा, जदयू समेत NDA के तमाम दलों ने इसके लिए एक सुर में महागठबंधन पर हमला बोल दिया। जदयू ने तो इस मामले में राजद नेता तेजस्वी को चुनौती दे दी। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने साफ कहा कि इस अपमान के बाद अब गेंद तेजस्वी के पाले में है। वे यह तय कर लें कि सीएम फेस बनने के लिए क्या अब भी बिहार का अपमान करने वाले कांग्रेस के बोझ को ढोयेंगे?
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म लागू किया है जिसमें कई आम जरूरत की चीजों पर टैक्स कम कर दिया गया जबकि सिगरेग, गुटखा जैसी नशे के उत्पाद पर टैक्स बढ़ा दिया गया। लेकिन केंद्र सरकार ने बीड़ी पर टैक्स नहीं बढ़ाया। इसी पर केरल कांग्रेस के एक्स हैंडल से एक ट्वीट करके कहा गया था, “बीड़ी और बिहार दोनों ‘B’ से शुरू होते हैं। अब इन्हें पाप नहीं माना जा सकता।” ट्वीट के साथ एक चार्ट भी है, जिसमें दिखाया गया है कि तंबाकू पर जीएसटी 28 पर्सेंट से बढ़ाकर 40 पर्सेंट कर दिया गया है। सिगरेट-सिगार पर भी इसी तरह टैक्स बढ़ाया है। वहीं बीड़ी पर जीएसटी 28 पर्सेंट से घटाकर 18 पर्सेंट कर दिया गया है। हालांकि विवाद के बाद ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है।
जदयू की तरफ से प्रवक्ता नीरज कुमार ने बयान जारी कर कहा कि बिहार का अपमान कराना महागठबंधन का स्वाभिमान और राजनीतिक आदत बन चुका है। ये लोग बार—बार बिहार को बदनाम और नीचा दिखाने का काम करते आ रहे हैं। लेकिन इनको नहीं पता कि बिहार बुद्धिमान और आध्यात्मिक मूल्यों वाला प्रदेश है। यह माता सीता की जन्मभूमि है। यहां बुद्ध और महावीर जैसे महापुरुषों ने ज्ञान प्राप्त किया। अब गेंद राजद के पाले में है कि वह सत्ता के लिए बिहार और बिहारियों का अपमान करने वालों को ढोते रहेंगे या फिर बिहार के सम्मान के लिए इस अपमान का विरोध करेंगे। जदयू नेता ने कहा कि बिहारी आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ जीता है। चुनाव में यहां की जनता ईवीएम से महागठबंधन को इसका जवाब देगी।