बाढ़ : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पटना समाहरणालय के सभाकक्ष में बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा “गलत सूचना के बीच प्रेस की विश्वसनीयता की रक्षा” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि इन्फॉर्मेशन ओवरलोड के इस दौर में मीडिया की भूमिका और भी अहम एवं निर्णायक हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और मीडिया एक-दूसरे के पूरक हैं तथा स्वस्थ समाज और सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डॉ. त्यागराजन ने कहा कि समाचारों के तीव्र प्रसार के साथ–साथ उनकी प्रामाणिकता और विश्वसनीयता को बनाए रखना समय की आवश्यकता है। गलत सूचनाओं के बीच जनता का भरोसा कायम रखना आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे केवल तथ्यों पर आधारित सूचनाएं ही जनता तक पहुंचाएं, ताकि मिसइन्फॉर्मेशन का दायरा कम हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि गलत सूचनाओं को हाईलाइट करने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, इसलिए जरूरी है कि मीडिया विज्ञान, तकनीक एवं अन्य विषयों को भी उचित स्थान दे, जिससे फेक न्यूज़ को प्लैटफॉर्म न मिले।
जिलाधिकारी ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान पत्रकारों ने एक हितधारक के रूप में सराहनीय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि पत्रकारों द्वारा दिया जाने वाला फीडबैक प्रशासन को कार्य सुधारने की दिशा में प्रेरित करता है। साथ ही सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी एथिकल मानदंड का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सूचना की गति अत्यधिक तेज हो चुकी है और इस प्रवाह में गलत सूचना भी तेजी से फैलती है, जिससे बच्चों, युवाओं और आम लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए जनहित में सही सूचना को प्राथमिकता देना आवश्यक है। डॉ. त्यागराजन ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद आज भी प्रेस को जनता का पूरा भरोसा प्राप्त है और सूचना क्रांति के इस दौर में भी प्रेस की खबरें अंतिम प्रमाण मानी जाती हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन, डीपीआरओ लोकेश कुमार झा एवं उपस्थित पत्रकारों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर डीपीआरओ श्री झा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि “स्वतंत्र एवं उत्तरदायी मीडिया हमारे लोकतंत्र की रीढ़ है।” उन्होंने कहा कि तथ्यात्मक, पारदर्शी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर ही समाज को सही दिशा दी जा सकती है तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में गलत सूचनाओं से बचने के लिए मीडिया की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
परिचर्चा में उपस्थित अनेक मीडिया प्रतिनिधियों ने अपनी ओर से महत्वपूर्ण विचार रखे और कहा कि गलत सूचनाओं को रोकना सभी का साझा दायित्व है। डीपीआरओ ने आश्वस्त किया कि संवादहीनता को दूर करने के लिए पत्रकारों और अधिकारियों की नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि सामंजस्य बना रहे।राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम मीडिया की विश्वसनीयता बनाए रखने और जनहित में सकारात्मक पत्रकारिता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट