बाढ़ : विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले बिहार की चुनावी सियासत में हिंसा का दौर तेज हो गया है। मोकामा विधानसभा क्षेत्र के घोसवरी थाना क्षेत्र में राजद नेता दुलारचंद यादव हत्याकांड ने पूरे चुनावी माहौल को हिला दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी और राजद नेता दुलारचंद यादव जन सुराज प्रत्याशी प्रत्यूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे, जब तारतर गांव के पास उनकी हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद से मोकामा के साथ-साथ बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी सियासी सरगर्मी और तनाव का माहौल बन गया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने मोकामा और बाढ़ दोनों विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा और निगरानी को कड़ा कर दिया है। शुक्रवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. तथा एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने दोनों क्षेत्रों का सघन दौरा किया। अधिकारियों ने प्रत्याशियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने, मतदान तक दंडाधिकारियों व वीडियोग्राफरों की तैनाती सुनिश्चित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने स्पष्ट कहा कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा — चाहे वह किसी दल का प्रत्याशी हो, अधिकारी हो या कोई अन्य हितधारक।” उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
राजद नेता दुलारचंद यादव हत्याकांड में जद(यू) प्रत्याशी अनंत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्ष ने इसे “राजनीतिक आतंक” की मिसाल बताया है, जबकि सत्तारूढ़ पक्ष इसे “जांच का विषय” कहकर बचाव में उतर आया है। डीएम और एसएसपी ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिना अनुमति चलने वाले वाहनों को तुरंत जब्त किया जाए, संदिग्ध व्यक्तियों पर सीसीए के तहत कार्रवाई की जाए, अवैध हथियारों की बरामदगी तेज की जाए और प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर पैनी नजर रखी जाए।
डीएम ने उड़न दस्ते, स्टैटिक सर्विलांस टीम और वीडियो मॉनिटरिंग यूनिट्स को 24 घंटे सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोकामा कांड के बाद दोनों विधानसभा क्षेत्रों में भय और अविश्वास का माहौल बन गया है, हालांकि जिला प्रशासन की सख्ती यह संदेश दे रही है कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदान भयमुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी वातावरण में ही संपन्न होगा।
इस बीच, ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि दुलारचंद यादव हत्या मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि घोसवरी थानाध्यक्ष सब-इंस्पेक्टर मधुसूदन और भदौर थानाध्यक्ष सब-इंस्पेक्टर रवि रंजन पर लापरवाही के आरोप में कार्रवाई की गई है। अब सबकी निगाहें 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान पर टिकी हैं — यह देखने के लिए कि बिहार की ज़मीन पर लोकतंत्र की आवाज दबंगई की गूंज पर भारी पड़ती है या नहीं।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट