बाढ़ : बाढ़ का सुप्रसिद्ध और ऐतिहासिक स्थल, जिसे बिहार का काशी भी कहा जाता है, उमानाथ मंदिर-घाट अब एक नए स्वरूप की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज यहां विकास और सौंदर्यीकरण के कई कार्यों का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री 67 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण और नागरिक सुविधाओं के विकास कार्यों का शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा 9 करोड़ 05 लाख रुपये की लागत से श्मशान घाट के विकास और विद्युत शवदाह गृह के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास करेंगे।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी रहेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन करेंगे। इसके अलावा स्थानीय विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू, कई सांसद, विधान पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
मीडिया की अनदेखी
कार्यक्रम की तैयारियां प्रशासन ने पूरी कर ली हैं, लेकिन मीडियाकर्मियों की उपेक्षा चर्चा का विषय रही। आयोजन स्थल पर पहुंचे कई पत्रकारों को उचित तवज्जो नहीं मिली। 45 वर्षों से लगातार समाचार कवरेज करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को भी इस बार असुविधा का सामना करना पड़ा। यहां तक कि शिलान्यास स्थल से काफी दूर मीडिया दीर्घा बनाई गई थी, जहां से कवरेज संभव नहीं था। नतीजतन कई मीडियाकर्मी बिना कवरेज किए लौट गए। एक वरिष्ठ पत्रकार ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम स्थल पर तैनात पुलिसकर्मी संजय कुमार ने अनुचित व्यवहार करते हुए लोकतांत्रिक मर्यादाओं की अनदेखी की।
महंथों को किया गया अलग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम के दौरान भगवान शंकर की पूजा-अर्चना भी करेंगे। हालांकि, मंदिर के तीनों महंथों को पूजा-अर्चना से अलग कर दिया गया है। महंथों का कहना है कि यह परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। प्रशासन की ओर से केवल एक पंडित का नाम तय किया गया है, जिससे नाराजगी साफ झलक रही है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट