अरवल- चंद्रशेखर भवन (अरवल) में इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) बिहार का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई। सम्मेलन की शुरुआत सबसे पहले प्रखण्ड परिसर स्थित अम्बेडकर और स्वतंत्रता सेनानियों के मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ हुआ। सम्मेलन का उद्धघाटन सुदामा प्रसाद, सांसद आरा लोकसभा ने किया। उन्हीने सम्बोधित करते हुए कहा कि आप जिस दौर में सम्मेलन कर रहें हैं जब बिहार बदलाव के मुहांने पर खड़ा है। बिहार में रोजगार की स्थिति राष्ट्रीय औसत से कम है। पिछली एनडीए की सरकार ने बिहार के नौजवानों को 10 लाख रोजगार देने की बात कही थी लेकिन वह पूरा नही की, जबकि महागठबंधन की सरकार ने लाखों नौजवानों को नौकरी दिया और आज नौकरी कर रहें हैं।
महागठबंधन की सरकार ने जातिय जनगणना करा कर 65 प्रतिशत आरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार नौजवानों को रोजगार देने के जगह हिन्दू – मुस्लिम कर ही है। क्योंकि उनके एजेंडे में नौकरी रोजगार नही है। उन्होंने प्रधानमंत्री के विक्रमगंज में दिये गए भाषण जिसमें उन्होंने शाहबाद से नक्सलवाद को खत्म करने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि धरती पर जबतक गरीबी-भुखमरी रहेगी तबतक गरीबों की आवाज उठती रहेंगी, किसी मे ताकत नही है इसे दबाने का।
उन्होंने कहा कि शाहाबाद धान का कटोरा कहा जाता है पीएम आ कर किसानों की बात नही करते हैं। एमपी पर कुछ नही बोल कर जब शाहाबाद के सांसद यहां के किसानों की समस्य लेकर उनसे मिलने जाते हैं तो उन्हें घन्टो इंतजार करा कर नही मिलते हैं। उन्होंने सम्मेलन की सफलता की कामना की और कहा कि एक मजबूत संघठन की जरूरत है जो रोजगार के सवाल पर आंदोलन का अगुआ बने। सम्मेलन को आरवाईए राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि आज लोकतंत्र-संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
देश का तानाशाह नौजवानों को मुंगेरीलाल का सपने दिखाया था। 2 करोड़ प्रति वर्ष रोजगार मिलेगा रोजगार तो दूर आज नौकरी खत्म किया जा रहा है। नौजवानों को मौबलिंचीन गौहत्या के नाम पर नौजवान को मारा जा रहा है। इस लिए नौजवानों के कन्धे पर लोकतंत्र और संविधान बचाने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। खुले सत्र को सम्बोधित केते हुए संदीप सौरभ पालीगंज विधायक ने कहा कि बिहार के अनेकों मुद्दे हैं लेकिन उस पर बात नही हो रही है। पटना विवि को केन्द्रीय विवि का दर्जा, 65 प्रतिशत आरक्षण, विशेष राज्य दर्जा, रोजगार का सवाल लेकिन बात हिन्दू-मुस्लिम की हो रही है।
उन्होंव कहा कि आरवाईए के साथियों को रोजगार के साथ साथ जनता के सवालों पर लड़ना होगा और आने वाले विधानसभा में युवाओं को रोजगार, बादलों सरकार बदलो बिहार के साथ अभियान चलाना होगा। जेएनयू के पूर्व महासचिव वीर कुअंर सिंह विविद्यालय के सहायक प्रोफेसर चिंटू कुमारी ने कहि की यह सम्मेलन बहुत ही प्रतिकूल परिस्थितियों में हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमे मोदी के वादे और इरादों को याद करना चाहिए।
उन्हने अच्छे दिन, रोजगार, बहुत हुई महिलाओं पर अत्याचार अबकी बार मोदी सरकार का वादा किया लेकिन इन वादों का क्या हुआ आप रोजगर की स्थिति, महिलाओं, दलितों पर हो रहे हमलों को देख सकते हैं। सम्मेलन को स्थानीय विधायक महानंद सिंह ने कहा कि आप अरवल के इस धरती पर जो शाह चांद, मंजू देवी, वीरेंद्र विद्रोह के शहादत का साक्षी बना जिला। आपको आपदा में अवसर ढूढने वाली सत्ता को जवाब देने और फासीवादी सरकार को खत्म करने का इस सम्मेलन में संकल्प लेना होगा।
अजित कुशवाहा, डुमराव विधायक ने कहा कि आने वाला विधानसभा चुनाव को मोदी सेना साम्प्रदायिक मौहल बना कर जितना चाहते हैं। ऐसे में आरवाईए के नौजवानों की जिम्मेदारी है कि नौजवानों के रोजगार बिहार के जवलंत सवालों पर होगा कि नफरत -सम्प्रदयिकता के सवाल पर होगा। हम सेना के पराक्रम पर सवाल नही उठा रहें हैं। लेकिन मोदी सरकार देश के सीमा को कमजोर कर रही हैं। उनसे अग्निविर और सेना की संख्या में कमी कर दिया। उन्होंने कहा कि नौजवानों को गांव-गांव मेँ जा कर मोदी का पोल खोलना होगा।
सबीर कुमार आइसा राज्य सचिव ने कहा कि देश की शिक्षा वेंटिलेटर लर हैं। नई शिक्षा नीति ला कर गरीबों जे बच्चों को शिक्षा से दूर किया जा रहा है। जिला सचिव जितेंद्र यादव, रविन्द्र यादव, लीला वर्मा, साधन कुमारी, जमीला खातून, नंदकिशोर कुमार, महेन्द्र प्रसाद, रामाकांत कुमार शाह शाद, नीतीश कुमार, शाह फराज, इत्यादि लोगों ने भी संबोधित किया।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट