मोकामा से चुने गए जेडीयू विधायक अनंत सिंह को नीतीश सरकार ने नया सरकारी आवास आवंटित कर दिया है। लेकिन यह आवास उनके पुराने लग्जरी बंगले जैसा बिल्कुल नहीं है। नए आवास में न तो बड़े मैदान हैं, न पशुपालन की गुंजाइश और न ही 8–10 गाड़ियों वाले काफिले को खड़ा करने की जगह। यही वजह है कि नए फ्लैट को लेकर पटना की सियासत और जनता दोनों की दिलचस्पी बढ़ गई है। अनंत सिंह का पुराना बंगला जो एक माल रोड में है वो काफी बड़ा है। अनंत सिंह आम तौर पर जब भी चुनाव जीतते हैं तो इस बंगले में हजारों लोगों के लिए भोज का आयोजन किया जाता है। अनंत सिंह घोड़ों के भी शौकीन हैं और पुराने बंगले में उनके घोड़े भी रहते हैं। लेकिन नए आवास में इन सबके लिए कोई जगह नहीं है।
पुराने बंगले में थी काफी सहूलियत
अनंत सिंह के बंगले की कहानी उनके विधायक बनने के बाद 2005 में आवंटित पटना के माल रोड वाले विशाल आवास से शुरू होती है। यह बंगला किसी हवेली से कम नहीं है, यहां दो बड़े मैदान, दर्जनों गाड़ियां पार्क करने की जगह और पशुपालन के लिए भरपूर स्पेस है। अनंत सिंह घोड़े, गाय-भैंस रखने के शौकीन रहे हैं। उनका बंगला हमेशा मवेशियों, घोड़ों और उनके काफिले की गाड़ियों से भरा रहता था। यानी यह बंगला बाहुबली जीवनशैली के बिल्कुल अनुरूप था। खुला, विशाल और पूरी तरह उनके अंदाज़ में ढला हुआ।
नया आवास छोटा और कड़े नियमों वाला
लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को मिलर स्कूल मैदान के पीछे बने सेकेंड फेज विधायक फ्लैट्स में एक डुप्लेक्स फ्लैट (8/11) आवंटित किया है। यह घर पहले आरजेडी एमएलसी राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील सिंह को मिला था। अब यहाँ उनके लोग रहते हैं, जिन्हें जल्द ही आवास खाली करना होगा। नए आवास की पहली झलक में ही समझ आ जाता है कि यह जगह पुराने बंगले की तुलना में बेहद छोटी है। न मैदान, न बड़ा आँगन, बस एक साधारण डुप्लेक्स, जिसमें सिर्फ एक गाड़ी पार्क करने की जगह है। इसका मतलब है कि सरकारी घर में जानवरों के लिए जगह नहीं है। घोड़ों को बांधना तो दूर की बात है, और सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अनंत सिंह का 8-10 गाड़ियों का काफिला भी वहां नहीं आ सकता। इस बदलाव को बाहुबली छवि वाले MLA के लिए लाइफ़स्टाइल में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
गाड़ियों की पार्किंग पर सबसे बड़ा संकट
अनंत सिंह को आवंटित नए आवास में गाड़ियों का लंबा काफिला बिल्कुल नहीं समा सकता। एक गाड़ी के लिए पार्किंग दी गई है, बाकी गाड़ियों को सड़क पर लगाने पर सुरक्षा और ट्रैफिक, दोनों सवाल खड़े होंगे। उनके काफिले में कम से कम 8 से 10 लग्ज़री SUVs रहती हैं। जो उनके नए फ्लैट में कड़ी नहीं की जा सकती है। पुराने बंगले के बाहर आज भी उनकी पत्नी नीलम देवी का बोर्ड लगा हुआ है। क्योंकि जब अनंत सिंह जेल गए और उनकी सदस्यता रद्द हुई, तब उपचुनाव में नीलम देवी मोकामा से विधायक बनी थीं। उन्हें नया आवास मिला था, लेकिन वे पुराने बंगले से हिली तक नहीं थीं। यानी बंगला छोड़ा नहीं गया, बल्कि दूसरा आवास भी साथ रखा गया।