तमिलनाडु की एआईएडीएमके ने एक बार फिर एनडीए से हाथ मिला लिया है। एआईएडीएमके के भाजपा खेमे में शामिल होने से राज्यसभा में एनडीए को बहुमत मिला गया है और अब किसी भी कानून को पास करवाना केंद्र की मोदी सरकार के लिए ज्यादा आसान हो जाएगा। इसके साथ ही इस नए राजनीतिक कदम से अब राज्यसभा में एनडीए का आंकड़ा 122 हो गया है। मालूम हो कि राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है और अभी 9 सीटें खाली हैं। इस तरह उच्च सदन की मौजूदा संख्या 236 है और इसप्रकार अभी सदन में बहुमत का आंकड़ा 119 है। एनडीए को इसके अलावा छह मनोनीत और एक निर्दलीय का भी समर्थन हासिल है। इस तरह एनडीए के समर्थन में अब राज्यसभा में कुल 129 सांसद हो गए हैं।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट खाली है और राजनीतिक समिकरणों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सीट भी एनडीए के ही खाते में जाएगी। जबकि राज्यसभा में मनोनीत सांसदों की कुल संख्या में भी चार स्थान रिक्त हैं। यह भी साफ है कि ये सीटें भी एनडीए के खाते में ही जाएंगी। इस तरह आने वाले दिनों में एनडीए और इसके समर्थक सांसदों की संख्या उच्च सदन में 134 तक पहुंच जाने वाली है। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की चार सीटें खाली हैं। वहां राज्यसभा चुनाव में देरी हो रही है। जम्मू-कश्मीर की इन चार सीटों पर जब भी चुनाव होंगे बीजेपी की एक सीट आनी तय है, वहीं दूसरी सीट के लिए भी बीजेरी जोर-आजमाइश कर सकती है।
यहां उल्लेखनीय है कि साल 2014 के बाद से पहली बार एनडीए को राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत मिला है। बहुमत मिलने से अब कोई भी बिल पास कराना केंद्र के लिए आसान हो जाएगा। वक्फ बिल पर भी एनडीए को बीजेडी और वायएसआरसीपी के कुछ सांसदों का समर्थन मिला था। बीजेडी और वायएसआरसीपी दोनों के राज्यसभा में 7-7 सांसद हैं और दोनों ही पार्टियों ने वक्फ बिल पर व्हिप जारी नहीं की थी। सरकार के एजेंडे में अब प्राथमिकता में एक देश, एक चुनाव का बिल पारित करना है। इसको लेकर राज्यसभा के नंबर गेम में बढ़त मिलने से अब केंद्र की एनडीए सरकार के हौंसले बुलंद हो गए हैं।