बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन इस चुनाव से पहले आज मंगलवार को बिहार की सियासत में एक बड़़ा बदलाव देखने को मिला। पटना में जेडीयू कार्यालय पर आज पहली बार औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर एक साथ लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में बिहार में दोबारा एनडीए सरकार बनाने की अपील की गई है। अगर नीतीश की दो—चार वर्षों के पालाबदल को छोड़ दें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी पिछले 25 साल से गठबंधन में है। लेकिन गठबंधन की सियासत में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि जेडीयू ऑफिस में लगे पोस्टरों में पीएम मोदी की तस्वीर लगाई गई है।
सियासी गलियारे में पीएम और सीएम के एकसाथ तस्वीर वाले पोस्टरों की चर्चा खूब हो रही है। इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश और पीएम मोदी की तस्वीर के साथ कुछ लाइनें लिखी हैं-‘महिलाओं की जयकार, फिर से एनडीए सरकार, नौकरी, रोजगार खुशहाल बिहार फिर से एनडीए सरकार, लग रहे उद्योग मिल रहा रोजगार फिर से एनडीए सरकार।’ दोनों की साथ वाली इस तस्वीर की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि सीएम नीतीश ने कभी पीएम के साथ वाली अपनी तस्वीर पर काफी रोष जाहिर किया था। दरअसल जब नीतीश बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय मई 2009 में पंजाब के लुधियाना में एनडीए की रैली हुई थी। वहां नरेंद्र मोदी ने मंच पर नीतीश कुमार का हाथ पकड़कर उठा दिया था। इसके बाद नीतीश कुमार बेहद नाराज हो गए थे।
यह भी विदित हो कि नीतीश कुमार 2005 में जब बिहार की सत्ता में आए, तब से अगर बीच के 3 वर्षों को छोड़ दें तो वे आज 2025 तक भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। स्पष्ट है कि इतने लंबे समय से गठबंधन में रहने के बावजूद अब तक जदयू ने इस तरह खुलकर पीएम मोदी के साथ नीतीश की तस्वीर को अहमियत नहीं दी। हो सका तो जदयू वाले इससे परहेज ही करते रहे। लेकिन अब जेडीयू की तरफ से लगाए गए ताजा पोस्टर में पीएम और सीएम का साथ होना, यह दर्शाता है कि आज नीतीश को पीएम मोदी की ज्यादा जरूरत है। यानी इस बार के चुनाव में वे अंदर से कहीं न कहीं हिला हुआ महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि अब 2025 के बिहार चुनाव से पहले यह बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहा है।