मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिला के पंडौल प्रखंड स्थित सरिसब-पाही गांव में स्थापित सरकारी विद्यालय +2 लक्ष्मीश्वर एकेडमी का एक अपना इतिहास रहा है। वर्ष 1914 ई. में स्थापित इस विद्यालय के कई होनहार छात्र-छात्रा मजबूत समाजसेवी, डॉक्टर इंजीनियर साइंटिस्ट आईएएस रह चुके हैं। इसके साथ कई छात्र-छात्राओं ने सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में काम करके विद्यालय समेत गांव समाज एवम देश का मान बढ़ाने का काम किया है।
इसी विद्यालय से पढ़ चुके कुछ ऐसे विद्वान जो भले हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके नाम से प्रतिवर्ष दर्जन भर स्कॉलरशिप बच्चों के बीच प्रदान किया जाता है। संभवतः यह पूरे बिहार में एकमात्र ऐसा विद्यालय है, जहां एक साथ एक बार में इतने सारे स्कॉलरशिप प्रदान किये जाते हैं। शिक्षा के विकास एवं शिक्षार्थियों के प्रोत्साहन हेतु ग्रामवासियों के सहयोग से संचालित यह पहल निश्चित ही प्रशंनीय है। ये पूरे समाज के लिए गौरवपूर्ण और प्रेरणात्मक संदेश है।
बता दें कि हर साल इस विद्यालय के 10वीं एवं 12वीं के कुल 12 टॉपर्स को 10,000/- रुपए का स्कॉलरशिप ,मोमेंटो सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। यह कार्यक्रम “अयाची नगर युवा संगठन” के बैनर तले प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। कार्यक्रम में 10वीॅ विद्यालय टॉपर को उषाकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, फर्स्ट बॉयज टॉपर को डॉ हेतुकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, सेकेंड बॉयज टॉपर को डॉ योगाकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, 1st गर्ल्स टॉपर को डॉ चेतकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, 2nd गर्ल्स टॉपर को डॉ प्रभाकार झा मेमोरियल स्कॉलरशिप के अलावा 12th साइंस टॉपर को डॉ विनोदानंद झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, 12th सेकंड साइंस टॉपर को गौरीनाथ झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, 12th आर्ट्स टॉपर को विनोद झा ( Rtd IAS) मेमोरियल स्कॉलरशिप, 12th सेकंड आर्ट्स टॉपर को लेखनाथ मिश्र मेमोरियल स्कॉलरशिप, 12th कॉमर्स टॉपर को डॉ योगाकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप, 12th सेकंड कॉमर्स टॉपर को शंकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप और 12th आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स तीनों मिला कर एक गर्ल्स टॉपर को प्रोफेसर अच्युतकर झा मेमोरियल स्कॉलरशिप के तहत 10 हजार रुपए की राशि, मोमेंटो और सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।
गांव के स्थानीय समाजसेवी तथा रक्तवीर विक्की मंडल की मानें तो “इस तरह के स्कॉलरशिप देने से आज बच्चों में स्कॉलरशिप पाने की ललक से प्रतियोगात्मक भावना बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप विद्यालय का रिजल्ट लगातार बेहतर हो रहा है।” बता दें कि वर्ष 2008 में पहली बार छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देना प्रारम्भ किया गया था। अभी 12 बच्चों को दिया जा रहा है। आगे इसकी संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे और बच्चे लाभांवित होंगे।
प्रभात रंजन शाही की रिपोर्ट