भवन निर्माण विभाग ने लोजपा का वह पार्टी दफ्तर जिसे रामविलास पासवान ने अपना कार्यालय बनाया था, उसे अब उनके पुत्र चिराग पासवान को आवंटित कर दिया। यह दफ्तर रामविलास के निधन के बाद पार्टी तोड़कर चिराग के चाचा पशुपति पारस ने अपने कब्जे में ले लिया था। ऐसे में चिराग को इसका आवंटन होने से उनके चाचा पशुपति पारस तिलमिला उठे हैं। इस दफ्तर को अपने हाथ से निकलने से बचाने के लिए अब उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है। इस मामले में उनकी पार्टी की तरफ से पटना हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है।
मुश्किलों में घिरे पशुपति पारस
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलजेपी के संरक्षक पशुपति कुमार पारस ने जब से अपने भतीजे चिराग से रार ठानी, उनके कुछ दिन तो ठीक गुजरे। लेकिन अब वे हाशिये पर आ गए हैं। पहले तो लोकसभा चुनाव में एनडीए की ओर से उन्हें एक भी सीट नहीं मिली। वहीं भतीजे चिराग के पांच—पांच सांसद जीत गए। खुद चिराग केंद्र में मंत्री बन गए। अब उनकी पार्टी का कार्यालय भी चिराग पासवान की पार्टी (एलजेपी रामविलास) को अलॉट हो गया। इसी से तिलमिलाई पशुपति पारस की पार्टी हाईकोर्ट पहुंची है।
आरएलजेपी उपाध्यक्ष ने दायर की याचिका
पारस की आरएलजेपी के कोषाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी सुनील सिन्हा ने जानकारी दी कि पार्टी उपाध्यक्ष ने इस मामले में एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है। अब कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। भवन निर्माण विभाग ने दबाव में आकर हमारा अवंटन वापस किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का इस संबंध में जो भी आदेश होगा, उसे आरएलजेपी मानेगी।