साल 2021 के साहित्य अकादमी के हिंदी भाषा में युवा श्रेणी में सूचीबद्ध हुई इनकी पुस्तक
पटना : युवा लेखक अभिलाष दत्ता की पांचवीं पुस्तक “मतांगों का रहस्य” (उपन्यास) का गुरुवार को लखनऊ पुस्तक मेला में विमोचन हुआ। इस पुस्तक का कवर लांच दो अक्टूबर को लखनऊ पुस्तक मेला के मुख्य मंच पर हुआ था।
लेखक अभिलाष दत्ता ने स्वत्व मीडिया को बताया कि उनकी यह पुस्तक अवतार शृंखला की दूसरी क़िस्त है। इससे पहले इस शृंखला में “महारक्षकों का आगमन” नामक पुस्तक 2021 में प्रकाशित हुई थी। अवतार शृंखला का पुराना नाम “भविष्यत” था और साल 2021 के साहित्य अकादमी के हिंदी भाषा में युवा श्रेणी में यह किताब सूचीबद्ध हुई थी।
अपनी नई पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए अभिलाष दत्ता ने बताया कि यह एक शोधपूर्ण उपन्यास है। इसमें श्रीलंका का एक आदिवासी समूह “मतांगों” की कहानी है। मतांग समुदाय खुद को लंकापति रावण का आखिरी वंशज मानता है। श्रीलंका के लोगों का ऐसा मानना है कि यह कबीला समूह बहुत रहस्यमयी है और हर इकतालीस साल पर इस समूह से भगवान हनुमान मिलने आते हैं और इन्हें ब्रह्म-ज्ञान प्रदान करके जाते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि लखनऊ पुस्तक मेला के समाप्त होते ही यह किताब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो जाएगी। जो पाठक ऑनलाइन इस किताब को प्राप्त करना चाहते हैं, वह इसे 6 अक्टूबर के बाद से प्राप्त कर सकते हैं।
पटना में शिक्षण पेशे से जुड़े अभिलाष दत्त पिछले सात सालों में पाँच पुस्तक लिख चुके हैं, जिसमें एक कहानी संग्रह और चार उपन्यास हैं। उनके नाम निम्नलिखित है:-
पटना वाला प्यार – 2018 (कहानी संग्रह)
भविष्यत – 2020 (उपन्यास)
अवतार “महारक्षकों का आगमन” – 2021 (उपन्यास)
दुर्गापुर जंक्शन – 2022 (उपन्यास)
अवतार “मतांगों का रहस्य” – 2024 (उपन्यास)