यूट्यूब अत्यंत ही लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा है। भारत में हर वर्ग के लोग इस पर वीडियो देखते हैं। यूट्यूब शॉर्टस खूब पसंद की जाती है। कई लोग यूट्यूब चैनल बनाकर वीडियो बनाते हैं और मोटा पैसा कमा रहे हैं। हालांकि, ओटीटी मंचों के तर्ज पर अब यूट्यूब भी अपनी प्रीमियम सेवा के लिए यूजर से शुल्क लेने लगा है।
प्रीमियम सेवा का मतलब क्या?
YouTube प्रीमियम की विशेषता है कि इस पर आप विज्ञापन-मुक्त वीडियो देख सकते हैं। एड—फ्री के अलावा इसमें यूट्यूब म्यूजिक, बैकग्राउंड प्ले व पीआईपी मोड में वीडियो देख सकते हैं। इसी के सशुल्क सदस्यता सेवा की कीमतों में वृद्धि हुई है। इस बदलाव के साथ, व्यक्तिगत, पारिवारिक और छात्र सहित सभी सदस्यता योजनाएँ अब काफी महंगी हो गई हैं। कम से कम 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
अब तक होता आया है कि अगर कोई यूट्यूब की प्रीमियम सेवा लेना चाहे तो उसे तीन महीने तक ग्रेस पीरीयड के रूप में नि:शुल्क सेवा दी जाती थी। बाद में इसे घटाकर एक ही महीना कर दिया गया। हालांकि, वर्तमान बढ़ोतरी में यह स्पष्ट नहीं है कि ग्राहकों को यूट्यूब की प्रीमियम सेवा के तहत भुगतान शुरू करने से पहले एक ग्रेस पीरियड मिलेगा अथवा नहीं।
कीमत में कितनी वृद्धि?
यूट्यूब प्रीमियम की नई कीमतें 15 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। सिंगल यूजर के लिए यूट्यूब अब तक 129 रुपए प्रति माह वसूलता था, जो कि अब 149 रुपए प्रति माह हो गया है। सालाना दर 1290 से बढ़कर 1490 रुपए हो गया है। वहीं फैमिली प्लान चुना है, उन्हें अब 189 के बदले हर महीने 299 रुपए देने होंगे। इनमें सबसे सस्ता प्लान विद्यार्थियों के लिए है, उसे भी यूट्यूब वालों ने मामूली रूप से बढ़ाते हुए 79 के बदले 89 रुपए प्रति महीने कर दिया है। कीमतों को विस्तार से नीचे के टेबल में देख सकते है: