वक्फ विधेयक आज लोकसभा में पेश होगा और इस पर 8 घंटे की चर्चा तय की गई है। सरकार वक्फ अधिनियम में 40 सुधार करना चाहती है, जिनमें गैर-मुस्लिमों का वक्फ बोर्ड में प्रवेश और महिलाओं की सहभागिता को बढ़ाना शामिल है। बिल पर बहस के लिए सत्ताधारी गठबंधन को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया है। लोकसभा में बहस के लिए बीजेपी, कांग्रेस, जदयू, टीडीपी समेत पार्टियों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। वक्फ बिल पर सहयोगी जदयू और टीडीपी ने मोदी सरकार को खुला समर्थन दिया है, जिससे संसद के दोनों सदनों के नंबर गेम में सरकार पूरी तरह आश्वस्त है। इसे प्रधानमंत्री मोदी की संसद में अपनी संख्या बल साबित करने की कोशिश भी माना जा रहा है।
संसद में वक्फ बिल पर आज ही वोटिंग होगी और ये तय माना जा रहा है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के सबसे अहम बिल पर आज जीत हासिल कर सकती है। बीजेपी ने पिच तैयार कर दी है और नीतीश, चंद्रबाबू नायडू समेत एनडीए की सभी पार्टियां लामबंद हो गई हैं। सांसदों के लिए व्हिप भी जारी हो गए हैं। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा है कि बहुत सारे लोग कई दलों के प्रभाव में आकर काम करते हैं। हमने कभी भावनाओं को भड़काकर राजनीति नहीं की है। हमने वक्फ कानून पर अपनी चिंताएं केंद्र सरकार के समक्ष रखी थी और हमारी चिंताओं को संशोधित ड्राफ्ट में शामिल किया गया है। संजय झा ने कहा कि हमारे सभी 12 सांसद बिल के पक्ष में वोट करेंगे।
इधर, विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां संसद में वक्फ संशोधन बिल का विरोध करेंगी। लेकिन हैरानी इस बात की है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के मुस्लिम नेता बिल के बारे में अलग-अलग राय रखते हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी… जिन लोगों के लिए यह बिल लाया जा रहा है उनकी ही बातों को अहमियत ना देना, इससे बड़ी नाइंसाफी क्या होगी?…’ उन्होंने आगे कहा, ‘…भाजपा तो वह दल है जिसे जमीन से बहुत प्यार है… उन्होंने रेलवे को बेचा, डिफेंस की जमीन बेची और अब वक्फ की जमीनें बेची जाएंगी… यह सब अपनी असफलताओं को छिपाने की एक योजना है।