वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास होने के बाद अब जनता दल यूनाइटेड (JDU) में घमासान मच गया है। संसद में वक्फ बिल का समर्थन करने पर नीतीश की पार्टी में ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जेडीयू महासचिव मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने अपनी पार्टी के स्टैंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस बिल पर सेक्युलर और कम्यूनल सब बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में वो जल्द बैठक कर रणनीति बनाएंगे। उधर नीतीश की पार्टी जदयू के एमएलसी गुलाम गौस के बारे में भी खबर है कि वे इस मुद्दे पर पार्टी से खासे नाराज हैं। गुलाम गौस ने हाल ही में राजद सुप्रीमो लालू यादव से पटना में राबड़ी आवास पर मुलाकात भी की थी।
लोकसभा में मुहर, अब राज्यसभा की बारी
इधर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि बिल पर चर्चा के बाद सारे भ्रम दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने वोट के लिए लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की। वक्फ बिल पर जदयू का स्टैंड पूरी तरह साफ है कि इससे गरीब और पसमांदा मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को उनका वाजिब हक मिलेगा। इसबीच वक्फ संशोधन बिल को लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोकसभा में बिल को पास कराकर पहली अग्निपरीक्षा तो पास कर ली है लेकिन मोदी सरकार को आज दूसरी अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। राज्यसभा में दोपहर 1 बजे बिल पेश किया जाएगा। बिल पर राज्यसभा में बहस होगी, उसके बाद वोटिंग की प्रक्रिया होगी।
क्या है राज्यसभा में नंबर गेम?
अगर राज्यसभा का नंबर गेम देखें तो आंकड़ा यहां भी सरकार के फेवर में है। क्योंकि राज्यसभा में मौजूदा सांसदों की संख्या 236 है और बिल को पास कराने के लिए 119 सांसदों की जरुरत पड़ेगी। NDA जो बिल का सपोर्ट कर रही है उसके सांसदों की संख्या 119 है और 6 मनोनीत सदस्य हैं जो सरकार का साथ ही देते हैं। ऐसे में बिल के समर्थन में 125 सांसद हैं। तो वहीं, बिल का विरोध करने वाली इंडिया ब्लॉक के सांसदों की संख्या 88 है और YSR कांग्रेस ने बिल का विरोध करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में बिल का विरोध करने वालों का आंकड़ा बढ़कर 95 हो जा रहा है। जबकि 16 सांसद ऐसे हैं जिनपर संस्पेंस है कि वो बिल का समर्थन करेंगे या विरोध। सरकार का कहना है कि विपक्ष इस पर सिर्फ फेक नैरेटिव फैला रही है।