मोकामा के बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह के रिश्तेदार विवेका पहलवान का बीती रात निधन हो गया। उन्हें तीन दिन पहले हार्ट अटैक आया था और वे पटना के आरोग्यम अस्पताल में भर्ती थे। विवेका पहलवान अनंत सिंह के गोतिया थे और दोनों के बीच चाचा—भतीजा वाला रिश्ता था। वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच कट्टर दुश्मनी रही। दोनों के बीच की 30 से 40 साल पुरानी यह दुश्मनी तब दोस्ती में बदली, जब जदयू नेता ललन सिंह ने दोनों के बीच सुलह कराया। उस समय अनंत सिंह के घर भी विवेका पहलवान आए थे और कहा था कि अब सारे गिले-सिकवे दूर हो गए हैं। इसके बाद ऐसा दिन भी दिखा जब विवेका पहलवान अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को चुनाव जिताने मैदान में उतर गए और उनके लिए प्रचार किया। विवेकानंद सिंह पहलवानी करते थे। उनका पार्थिव शरीर आज उनके गांव मोकामा के लदमा ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। राज्य के कई खेल और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर दुख जताया है।
एक समय था जब अनंत सिंह और विवेका पहलवान में लंबे काल तक 36 का आंकड़ा रहा। दोनों की दुश्मनी से मोकामा का टाल इलाका दहला रहता था। दोनों के बीच हुए गैंगवार में दर्जनों लोगों की जान गई। पटना-नालंदा-मोकामा से सटे टाल क्षेत्र में बाहुबली अनंत सिंह और विवेका पहलवान के बीच अस्सी के दशक से ही खूनी रंजिश शुरू हो गई। इस दौरान दोनों के रिश्तों में कई बार उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले। एक दौर ऐसा भी था जब दोनों गुटों के बीच ताबड़तोड़ गोलीबारी चलती रही. कई लाशें इस रंजिश में गिरती रही। खुद अनंत सिंह इस हमले का शिकार बने थे और उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ। दोनों गुटों के बीच खूनी लड़ाई इस कदर चली कि दोनों के परिवार ने कई सदस्यों को हमले में खो दिया।
अनंत सिंह के बड़े भाई फाजो सिंह और विरंची सिंह की हत्या गैंगवार में हुई। विवेका पहलवान ने भी अपने भाई संजय सिंह को इस गैंगवार में खो दिया था। अनंत सिंह के भाई विरंची सिंह की जब हत्या हुई तो दोनों गुटों में गैंगवार और बढ़ गया। 1995 के विधानसभा चुपाव में अनंत सिंह के घर पर हमला हुआ था जिसमें अंधाधुध गोलीबारी दोनों तरफ से हुई थी। अनंत सिंह के बहनोई भी इस हमले में मारे गए थे। इसके बाद 2004 में अनंत सिंह पर ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई थी। आधा दर्जन से अधिक गोलियां अनंत सिंह को लगी थी। हालांकि वो बाल-बाल बच गए। आरोप विवेका पहलवान के ही गुट पर लगा था। बाद में विवेका पहलवान के भाई संजय सिंह की हत्या सरकारी दफ्तार में कर दी गयी थी। ठीक एक साल बाद अनंत सिंह के भाई फाजो सिंह की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में विवेका पहलवान के भाई भी नामजद अभियुक्त बनाए गए थे।