गंगा—सोन और सरयू के संगम पर अवस्थित धार्मिक नगरी चिरांद के ऐतिहासिक अयोध्या मंदिर में शरद पूर्णिमा से पूज्य मौनी बाबा के सान्निध्य में सवा माह का सीताराम नाम संकीर्तन चल रहा है। इस धार्मिक अनुष्ठान में मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, दरभंगा, जनकपुर के अलावे दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं और मौनी बाबा का दर्शन, पूजन, सत्संग एवं आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं। मौनी बाबा के प्रवास के दौरान मंदिर परिसर में प्रतिदिन भक्ति-भाव से युक्त कीर्तन, हवन एवं सत्संग, नवाहपाठ चल रहा है। इसी भक्तिमय माहौल में यहां 1 नवंबर से विष्णु महायज्ञ प्रारंभ होगा जो 5 नवम्बर तक चलेगा।
शरद पूर्णिमा से सीताराम अखंड अष्टयाम
इस कार्यक्रम में देश के अनेक संत-महात्माओं के आने की संभावना जताई जा रही है। विशेष रूप से पूज्य संत महंथ मैथिली रमण शरण लक्ष्मण किलाधीश सरकार, हनुमत निवास पीठाधीश्वर मिथिलेश नंदनी शरण, सहित देश के कई संत महात्मा भी इस यज्ञ मे सम्मिलित होंगे। श्रद्धालुओं में इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह है। भक्तों का मानना है कि मौनी बाबा के दर्शन और सत्संग से दुखों का नाश होता है तथा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।मौनी बाबा का यह सवा माह का प्रवास न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोककल्याण, अध्यात्म और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।
भगवान राम-श्रीकृष्ण आये थे चिरांद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान राम और श्री कृष्ण के आने का प्रमाण धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि अर्जुन का घमंड यहीं चूर हुआ था। जबकि भगवान राम यहां दो बार आये थे। एक बार जनकपुर जाने के क्रम में और दूसरी बार लंकापति रावण के वध के पश्चात। कहा जाता है कि रावण हत्या का पाप लग जाने के बाद संगम पर यज्ञ करने के दौरान चिरांद आये थे। यही कारण है कि इस स्थल पर सदियों से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवास गंगा स्नान का महत्व है,लिहाजा मौनी बाबा के सैकरो भक्त बाबा के साथ कल्पवास मे हैं।