बिहार विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन आज सदन में तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी के बीच तीखी भिड़ंत हो गई। मामला तब शुरू हुआ जब सदन में तेजस्वी यादव राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। तेजस्वी ने अपने जवाब में सम्राट चौधरी के पिता के बारे में कहा कि वे नीतीश जी को क्या—क्या बोलते थे। कितना अपशब्द बोले थे, किसी से छिपा है कया? तेजस्वी ने बोलते हुए कहा कि सम्राट चौधरी जी यहां बैठे हैं हम इनके पिता का नाम यहां नहीं लेना चाहते, इनका पिता का भाषण गांधी मैदान में या बीजेपी की रैलियों में मुख्यमंत्री के प्रति क्या था। देश का अगर सबसे…मुख्यमंत्री है तो..ये हमने तो नहीं बोला। नीतीश के पुत्र के बारे में आपके पिता ने क्या बोला, ये भी जान लीजिए। तेजस्वी की इसी बात पर सम्राट चौधरी सदन में खड़े हो गए।
सम्राट चौधरी ने कहा कि विरोधी दल के नेता के तौर पर भाषण दीजिए। जिस पर तेजस्वी ने कहा कि क्या आपके पिता ने सीएम के लिए अपशब्द नहीं बोला, खड़े होके बोलिए कि नहीं बोला। तेजस्वी के इतना बोलते ही सदल में खूब हंगामा होने लगा। इसपर सम्राट चौधरी ने कहा कि आपके पिता ने क्या-क्या बोला। अरे बिहार को लूट लिया….आपके पिताजी ने बिहार को लूट लिया.. गरीब और वंचितों को लूट लिया। इसपर तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू जी ने तो बिहार में डेढ़ सौ साल के जुर्म को चंद सालों में खत्म कर दिया। उन्होंने दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को उपहार दिया। 1990 के बाद लालू जी ने दंगे नहीं होने दिए। दंगा फैलाने वाले को उन्होंने बिहार की जमीन पर गिरफ्तार करवाया। लालू जी ने हर जात के लोगों को मंत्री, एमएलसी, एमपी और एमएलए बनाया।
इसके बाद तेजस्वी यादव ने सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि वह असली भाजपाई नहीं हैं। इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि जो नकली समाजवादी हैं, उन्हें सब नकली ही लगता है। इनको लगता है कि समाजवाद पर इनके परिवार का ही कब्जा रहा है। तब तेजस्वी यादव ने सम्राट से पूछा कि आप आरएसएस कब ज्वाइन किए? आप नागपुर गए कब थे? इस पर सम्राट चौधरी भड़क गए और भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। इसके बाद इस बहसबाजी में विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को शांत करवाते हुए कहा कि आपलोग एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आक्षेप मत कीजिए।