यूपीएससी में लेटरल एंट्री पर मचे घमासान के बीच बीजेपी ने उन तमाम ऐसी भर्तियों के लाभान्वित कैंडिडेट की लिस्ट जारी कर दी जिनकी नियुक्ति कांग्रेस सरकारों के शासनकाल में हुई। इनमें कई चौंकाने वाले नाम हैं। केंद्र पर इस मुद्दे को लेकर निशाना साध रही कांग्रेस और इसके नेता राहुल गांधी भाजपा के इस पलटवार से बैकफुट पर आ गए हैं। भाजपा ने लिस्ट में बताया है कि सैम पित्रोदा, मनमोहन सिंह, मोटेक सिंह आहलूवालिया, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन आदि ऐसे कई अन्य लोग हैं जिन्हें कांग्रेस ने यूपीएससी में लैटरल इंट्री देकर टॉप ब्यूरोक्रेशी में नियुक्त किया।
कांग्रेस सरकार में इनकी हुई लेटरल एंट्री
साल 1971 में मनमोहन सिंह लेटरल एंट्री के जरिए ही विदेश व्यापार मंत्रालय में सलाहकार के रूप में सरकार में शामिल हुए थे। इसी तरह रघुराम राजन ने भी लेटरल एंट्री के जरिए ही मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया। बाद में 2013 से 2016 तक वह RBI के गवर्नर रहे।
बिमल जालन ने भी लेटरल एंट्री के जरिए कांग्रेस सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम किया। फिर वह RBI के गवर्नर बने। सैम पित्रौदा, कौशिक बसु, वी कृष्णमूर्ति, अरविंद विरमानी भी लेटरल एंट्री के जरिए सरकार में शामिल हो चुके हैं।
कैसे शुरू हुआ ताजा विवाद
दरअसल दो दिन पूर्व यूपीएससी ने एक विज्ञापन दिया जिसमें जॉइंट सेक्रेट्री से लेकर डारेक्टर पद तक के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस वेकेंसी को कॉन्ट्रैक्ट पर लेटरल एंट्री के जरिए भरा जाना है। लेकिन कांग्रेस के राहुल गांधी, सपा के अखिलेश आदि ने इसे लेकर केंद्र पर आरोप लगाए कि ऐसी भर्ती कर सरकार SC,ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीनने का काम कर रही है। इसी के बाद भाजपा ने अब तक हुई ऐसी सारी नियुक्तियों की लिस्ट जारी कर दी। इसके बाद तो कांग्रेस खुद अपने ही जाल में फंस गई।
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कांग्रेस को घेरा
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कांग्रेस पर भ्रामक दावे और आरोप लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) यूपीए सरकार के दौरान साल 2005 में गठित किया गया था। इसके अध्यक्ष वीरप्पा मोइली थे। आयोग ने खास नॉलेज की जरूरत वाले पदों में रिक्तियों को भरने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी और लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्तियां 1970 से कांग्रेस सरकारों के दौरान होती रही हैं।
कैसे होती है यूपीएससी में लेटरल एंट्री
लेटरल एंट्री के जरिए प्राइवेट क्षेत्र के एक्सपर्ट्स की केंद्र सरकार के मंत्रालयों में सीधी भर्ती की जाती है। ये भर्तियां जॉइंट सेक्रेट्री, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेट्री के पदों पर की जाती हैं। निजी क्षेत्र में काम करने वाले 15 साल का अनुभव रखने वालों की भर्ती अफसरशाही में लेटरल एंट्री के जरिए की जाती है। ऐसी भर्तियों में शैक्षणिक निकायों और विश्वविद्यालयों में काम करने वाले लोग शामिल नहीं हैं।