बाढ़ : बिहार का काशी अनुमंडल के सुविख्यात उमानाथ मंदिर – घाट सहित अन्य घाटों पर पावन माघी पुर्णिया को लेकर बिहार व झारखंड के लाखों शिव भक्तों ने उत्तर वाहनी गंगा में लगाई डुबकियां और पास के मंदिरों में पूजा – अर्चना किया।माघी पूर्णिमा के महत्व के बारे में धर्म शास्त्रों में विस्तार से चर्चा किया गया है कि माघ माह के पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में विशेषकर उत्तरवाहिनी गंगा नदी में स्नान करने से सारे पापों का नाश होता है और भगवान शंकर-पार्वती एवं भगवान विष्णु-लक्ष्मी सहित सभी देवी – देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
श्रध्दालुओं द्वारा उत्तर वाहनी गंगा जल लेकर “उमानाथ भोलेनाथ” पर जलाभिषेक करने से मानव सभी पापों से मुक्त हो जाता है और इसीसे संपूर्ण बिहार एवं झारखंड के अलावे अन्य जगहों से भी श्रध्दालु “उमानाथ धाम” के उत्तर वाहनी गंगा में डुबकी लगाने पहुंचते है।
इस माघी पूर्णिमा पर यहां लगने वाली विशाल मेले की तैयारी की समीक्षा बैठक एसडीएम शुभम कुमार की अध्यक्षता में की गई।एसडीएम शुभम कुमार के निर्देशानुसार बाढ़ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष गुप्ता ने अध्यक्ष संजय कुमार उर्फ गायमाता एवं उपाध्यक्ष लीला देवी सहित सभी नगर पार्षदों के साथ अनुमंडल के सभी गंगा घाटों पर बेरिकेंटिग, गंगा नदी में नावों, साफ-सफाई की ब्यवस्था युद्ध स्तर से कराया गया तथा यात्रियों के विश्राम के लिये जगह-जगह अस्थायी रैन बसेरा बनाया गया है।
वहीं, एएसपी अपराजित लोहान के निर्देश पर थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सहित अन्य थाना के पुलिस पदाधिकारियों एवं अन्य सशस्त्र सुरक्षा बल तथा ग्राम रक्षा दल की तैनाती पूरे अनुमंडल के सड़कों एवं विभिन्न गंगा घाटों पर की गई,जिससे कि श्रध्दालुओं को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नही हो सके। माघी पूर्णिमा पर “उमानाथ धाम” सहित पूरा अनुमंडल बोल बम और हर-हर महादेव के नारों से गुंजयमान हो गया है, पुरा क्षेत्र भक्ति-भाव के रंग से रंग गया है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट