पश्चिम चंपारण के रामनगर प्रखंड में खेत में काम कर रहे एक किसान पर अचानक समीपवर्ती जंगल से निकले एक बाघ ने हमला कर दिया। यह घटना खैरहनी गांव में मंगलवार की सुबह पेश आई। इसके बाद मौके पर जब वन विभाग की टीम पहुंची तो बाघ ने उस टीम पर भी हमला कर दिया जिसमें एक वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना के समय बुजुर्ग किसान मथुरा महतो अपने खेत में काम कर रहा था। उसके खेत के पास में ही तराई क्षेत्र का घना जंगल है। इसी जंगल से निकल कर बाघ ने खेत में काम कर रहे बुजुर्ग किसान पर हमला कर उसकी जान ले ली।
जानकारी के अनुसार खैरहनी गांव निवासी 65 वर्षीय मथुरा महतो सुबह अपने खेत में काम कर रहे थे। इसी बीच जंगल की ओर से आया एक बाघ जो पहले से घात लगाए बैठा था, अचानक उन पर झपटा और हमला कर दिया। बाघ के हमले में मथुरा महतो की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ट्रैकिंग और बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंची। इसी दौरान बाघ ने टीम के सदस्य विजय उरांव पर भी हमला कर दिया। उन्हें गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है। स्थानीय प्रशासन की तरफ से मृतक किसान के परिवार को मुआवजा देने और घायल वनकर्मी के इलाज का पूरा खर्च उठाने की बात कही गई है।
वनकर्मी की जान उस वक्त खतरे में पड़ गई जब गश्त के दौरान बाघ ने उसे धर दबोचा। हालांकि, इस दौरान वहां मौजूद उसके साथी बाघ से उसकी जान बचाने के लिए आगे आए। वनकर्मी के साथियों ने अपने डडों को ही अपना हथियार बना लिया और बाघ पर हमला कर दिया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से चार लोग एक बाघ की डंडे से पिटाई कर रहे हैं। इस वजह से बाघ ने उनके साथी को छोड़ दिया और ऐसे वनकर्मी की जान बच पाई लेकिन इस वजह से बाघ घायल हो गया। इस घटना के बाद से वनकर्मियों और गांव के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। हालांकि, इससे पहले भी बाघ ने कई लोगों को अपना निशाना बनाया।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बाघ भारतीय सीमाई क्षेत्र में सक्रिय है। इससे लोगों में भय का माहौल है। वे खेतों और जंगल की ओर जाने से परहेज़ कर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने, बाघ की गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखने और उसे आबादी से दूर सुरक्षित क्षेत्र में भेजने की मांग की है। गौरतलब है कि रामनगर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बफर जोन से सटा इलाका है, जहां समय-समय पर बाघ और अन्य वन्यजीवों के मानव बस्तियों में प्रवेश की घटनाएं होती रहती हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि टीम लगातार निगरानी कर रही है और बाघ को सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं।