वैशाली के सहदेई बुजुर्ग स्थित सरकारी अस्पताल से एक हैरान करने वाला सच सामने आया है। यहां बीते दिन एक महिला का हिंदी फिल्म ‘थ्री इडियट’ के एक सीन वाले अंदाज में प्रसव कराया गया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। लोगों ने बताया कि इस सरकारी अस्पताल में महीनों से बिजली नहीं है, लेकिन इसपर किसी का कोई ध्यान नहीं है। मरीजों का इलाज भगवान भरोसे टार्च की रोशनी में महीनों से चल रहा है।
बिहार का यह अस्पताल राज्य के उन जिम्मेदार ‘इडियटों’ की कारगुजारी बयां कर रहा है जिन्होंने इस अस्पताल को बिना पानी और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित किए ही मरीजों के लिए खोल दिया। वह भी तब जब राज्य की राजधानी पटना से इस अस्पताल की दूरी महज 40—50 किमी की ही है। सहदेई बुजुर्ग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई दिनों से अंधेरे में डूबा है। यहां लगातार मोबाइल की लाइट में डिलीवरी कराई जा रही है। देर शाम या रात में अस्पताल आने वाले मरीज परेशान हैं क्योंकि अस्पताल में लाइट ही नहीं हैं।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले बुधवार की देर शाम सहदेई बुजुर्ग नयागांव पश्चिमी पंचायत और तैयबपुर की दो महिलाएं प्रसव के लिए यहां आईं। दोनों को हल्का दर्द हो रहा था। रात के 1:30 बजे अचानक उनका लेबर पेन बढ़ गया। लेकिन अस्पताल में बिजली ही नहीं थी। यहां तक कि अस्पताल का जेनरेटर व इनवर्टर भी ठप थे। ऐसे में एएनएम कर्मियों और महिलाओं के साथ परिजनों ने मोबाइल की रोशनी दिखाई। तब जाकर प्रसव कराया गया। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। प्रसव के बाद अस्पताल में पानी भी नहीं था, जिसके बाद महिला के परिजनों ने ही बाल्टी में पानी भरकर अस्पताल में पहुंचाया।