बिहार में एक छात्र को BPSC परीक्षा केंद्र पर पटना डीएम द्वारा मारे गए थप्पड़ की गूंज दूर तक पहुंची है। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है और मामले ने राजनीतिक के साथ ही कानूनी रूप भी ले लिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जहां मामले में इंट्री मारते हुए सीधे नीतीश कुमार को घेर लिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ब्रजेश सिंह डीएम के थप्पड़ मारने वाले इस मामले को एनएचआरसी के पास ले गए हैं। इससे डीएम के साथ ही सीएम नीतीश की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्य सरकार के खिलाफ पहले से ही छात्र गरम हैं। तेजस्वी नेे रोजगार और युवाओं को नौकरी तथा पेपरलीक को पहले से ही मुद्दा बना रखा है। ऐसे में सरकार डीएम के इस थप्पड़ कांड से सकते में है। डर है कि कहीं इस थप्पड़ की गूंज आगामी विधानसभा चुनावों तक जा पहुंची तो नीतीश कुमार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
NHRC पहुंचा मामला, तेजस्वी हुए एक्टिव
तेजस्वी ने डीएम के इस थप्पड़कांड के बाद कहा कि ये सरकार 10वीं से लेकर बीपीएससी तक की परीक्षा बगैर पेपरलीक नहीं करा पा रही है। विरोध करने पर छात्र-छात्राओं को पुलिस से पिटवाया जा रहा है। छात्रों को जोर से झापड़ मारा जा रहा है। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी नीतीश कुमार मौन हैं। सरकार में दो-दो डिप्टी सीएम हैं। लेकिन किसी का भी इस पर कोई बयान नहीं आ रहा। छात्र-छात्राओं की कोई नहीं सुन रहा। सब मौन हैं। अब आने वाले समय में इस सरकार को ये युवा छात्र—छात्राएं ही जवाब देंगे।
नीतीश के सुशासन पर पेपरलीक का दाग
दरअसल नीतीश कुमार की छवि अभी तक बिहार में सुशासन बाबू वाली रही है। इसे तोड़ने के लिए तेजस्वी लगातार कानून—व्यवस्था, युवाओं को रोजगार आदि को लेकर हमले करते रहे हैं। नीतीश के सुशासन वाले दावे पर अगर धब्बे की बात करें, तो लॉ एंड आर्डर इसमें कहीं भी फिट नहीं बैठता। परंतु पेपरलीक एक ऐसा मुद्दा है जो बिहार में लंबे समय से काले दाग की तरह मंडरा रहा है। नालंदा के रंजीत डॉन से लेकर शिक्षक भर्ती, सिपाही भर्ती, नीट यूजी पेपर लीक आदि जैसे तमाम मामले हैं, जिनके तार नीतीश के गृह जिले नालंदा तक ही पहुंचे हैं। ऐसे में यह ताजा थप्पड़कांड तेजस्वी के लिए नीतीश के सुशासन के तमाम दावों में पलीता लगाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है।
क्या कहना है पटना के जिलाधिकारी का
उधर थप्पड़ कांड के बाद पटना डीएम ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यातायात अवरूद्ध कर दिया। बापू परीक्षा केंद्र के अतिरिक्त अधीक्षक राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें ले जा रही एम्बुलेंस जाम में फंस गई। इसी परीक्षा केंद्र पर एक महिला अभ्यर्थी भी बेहोश हो गई। मेरा कभी भी किसी अभ्यर्थी को थप्पड़ मारने या चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था। ये सिर्फ केंद्राधीक्षक को जल्दी अस्पताल पहुंचाने के दौरान हुआ।
वकील ने की मानवाधिकार आयोग से शिकायत
दरअसल, कल शुक्रवार को BPSC पीटी परीक्षा समाप्त होने के बाद पटना के बापू परीक्षा परिसर पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों में से एक को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने थप्पड़ जड़ दिया। परीक्षार्थियों के हंगामे को संभालने के लिए जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह पटना एसएसपी राजीव मिश्रा के साथ मौके पर पहुंचे थे। छात्रों को समझाने के दौरान डीएम आपा खो बैठे और एक छात्र को थप्पड़ मार दिया। अब मामला राजनीतिक तो ही गया है, कानूनी भी होता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ब्रजेश सिंह डीएम के थप्पड़ मारने के मामले को एनएचआरसी के पास ले गए हैं। इससे डीएम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। छात्रों का आरोप था कि उन्हें प्रश्नपत्र देरी से दिया गया था। अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट लेकर बाहर आ गए। उन्होंने प्रश्न पत्र भी फाड़ दिए।