बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को बिहार विनियोग विधेयक 2025 का विरोध करते हुए कहा कि भारत के बजट में बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। केंद्र सरकार बार-बार एक ही टेप रिकॉर्डर की तरह बिहार के प्रति अपने रवैये को दोहरा रही है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सबसे गरीब राज्य है और यहां बेरोजगारी सबसे अधिक है। अपराध और भ्रष्टाचार में भी बिहार का कोई मुकाबला नहीं है। सरकार के आत्मचिंतन और मंथन से कोई फायदा नहीं हो रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार सही हाथों में नहीं है। इसके बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर हमला करते हुए तेजस्वी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर जो हमने बोला और जो डेटा दिया, वह उनकी समझ में नहीं आया। उनके दिमाग की बत्ती नहीं जली। इसके अलावा सम्राट चौधरी के लालू राज में लौंडा नाच के जिक्र पर तेजस्वी यादव ने कहा कि लौंडा नाच तो भिखारी ठाकुर जी के समय से है। यह बिहार की संस्कृति है। ये लोग आज उसका भी मखौल उड़ा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव पर भी इन लोगों ने हमला बोला। लेकिन ये भूल गए कि जब हमारे पिता लौंडा नाच करवाते थे, तो सम्राट चौधरी उसी टीम में बैठकर ताली बजाते थे। पिता-बेटी के रिश्ते पर भी इन लोगों ने हमला किया था। मेरी बहन ने पिता को किडनी दी थी और उस पर भी ये लोग तंज कसते थे।
नेता प्रतिपक्ष ने इसके बाद कहा कि अपराधियों की कोई जात नहीं होती है। लेकिन, ये लोग अपराधी को भी जाति की नजर से देखते हैं। जब 1990 में लालू यादव मुख्यमंत्री बने तो बिहार का बजट साढ़े नौ गुना बढ़ा। 25,000 करोड़ से बढ़कर 13 लाख करोड़ तक पहुंच गया। इस चुनावी वर्ष में बजट कैसे 39,000 करोड़ से बढ़ा दिया गया, यह आंकड़ा कहां से लाया गया? इससे बिहार को क्या फायदा हुआ, या बिहार को कर्ज में डूबो दिया? जरा बताइए। इतना बजट बनाते हैं, लेकिन महीनों से शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है। पिछले वर्ष में बजट का 60 प्रतिशत राशि खर्च नहीं कर पाए ये लोग। खेतों के बीच एक बिना संपर्क का पुल खड़ा है। चूहा शराब पी रहा है, और पर्चा लीक हो रहा है। मुख्यमंत्री को राष्ट्रगान की चिंता नहीं है, जबकि BJP को अपनी सरकार की काफी चिंता है।