नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ एक महिला ने दरभंगा के सिंहवाड़ा थाने में ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में तेजस्वी के साथ ही आरजेडी के राज्यसभा सांसद संजय यादव, पूर्व MLA ऋषि मिश्रा के अलावा कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मस्कुर अहमद उस्मानी सहित चार लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। पुलिस के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कराने वाली महिला वार्ड नंबर 7 निवासी गुड़िया देवी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि इन नेताओं की ओर से लॉन्च की गई माई बहिन योजना के नाम पर 2500 रुपये लाभ लेने का फॉर्म भराया गया और इस फॉर्म के लिए 200 रुपये की ठगी की गई। उसने यह भी आरोप लगाया कि इस क्रम में हम भोली भाली महिलाओं का आधार नंबर, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर लिया गया और अब उसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर सिंहवाड़ा थाने में प्राथमिकी संख्या 253/25 दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है।
महिला गुड़िया देवी, सिंहवाड़ा वार्ड 7 निवासी मिथिलेश भगत की पत्नी है। उसने पुलिस को बताया कि तीन-चार दिन पहले मेरे दरवाजे पर कुछ लोग आए और योजना के बारे में समझाते हुए कहा कि अन्य महिलाओं को भी बुलवा लीजिए। उनके कहने पर मैंने अन्य कई महिलाओं को बुला लिया। फिर वो लोग अपनी गाड़ी से कुछ फॉर्म निकाले और वहां मौजूद सभी महिलाओं से आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और दो सौ रुपया देने को कहा। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि प्रत्येक महीना बैंक खाते में 2500 रुपया चला जाएगा, हम लोगों के सारे कागजात लेकर चले गए। थोड़ी देर के बाद जब मेरे पति घर पर आए और उन्हें इस बात की मैंने जानकारी दी तो मेरी बात सुनकर मेरे पति मिथिलेश भगत ने कहा कि तुमलोगों को वह सब ठग कर चला गया है। तब हम लोग को पता चला कि हम लोग ठगे जा चुके हैं।
महिला ने थाना में दिए गए आवेदन में आगे लिखा है कि इस सब के पीछे राजद के बड़े कद्दावर नेता का हाथ है, जिसमें प्रमुख रूप से लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव, प्रभात लाल यादव के पुत्र संजय यादव, विजय मिश्रा के पुत्र ऋषि मिश्रा और मशकुर अहमद शामिल हैं। सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष ने मामले में कहा कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर पटना में अपने खिलाफ प्राथमिकी की सूचना मिलने पर तेजस्वी ने कहा कि इसमें कौन सी बड़ी बात है। हम यहां हैं। हमको ले जाओ। यहां फॉर्म भरने की कोई बात ही नहीं है। ये मुकदमा केवल इश्यू को डायवर्ट करने के लिए किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कल ही बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा द्वारा पत्रकार को पीटा गया था। इसकी मैंने प्राथमिकी थाने जाकर करवाई थी। अब इसी से ध्यान भटकाने के लिए मंत्री जी द्वारा यह मुकदमा कराया गया है।