पटना : विपक्ष की किलेबंदी को तोड़ते हुए देश में फिर से लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र की सत्ता में काबिज हो गई है। उसके बाद देश को चलाने के लिए दायित्व को लेकर शामिल सभी घटक दलों में विभागों का वितरण कर दिया गया है। इसी को लेकर देशभर के विपक्षियों के द्वारा नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए मुख्य सहयोगी घटक दलों को दरकिनार कर के छोटे और फालतू विभागों को देने मतलब ‘झुनझुना’ थमाने का आरोप लगाया जा रहा है। लेकिन शामिल घटक दलों को इससे कोई आपत्ति नहीं है और वो ख़ुशी पूर्वक सरकार को चलाने में राजी हैं।
मालूम हो कि इसबार 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा सरकार बनाने में अकेले सक्षम नहीं है, इसलिए NDA में शामिल उनको सहयोगी दलों की आवश्यकता पड़ी है। इसमें मुख्य रूप से बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU (12 सीटें), चिराग पासवान की पार्टी LJP-R (5 सीटों) और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP (16 सीटें) की आवश्यकता पड़ी है। इसलिए पीएम मोदी ने केंद्र की सत्ता का बागडोर सँभालने के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए सभी सहयोगी दलों को मुख्य-मुख्य विभागों को सौंपा है। भाजपा इसबार भी गृह, रक्षा, वित्त, स्वस्थ्य, रेल और सड़क परिवहन आदि जैसे विभाग को अपने पास रखा है।
हालांकि नई सरकार बनाने से पहले दो नाम किंगमेकर बनकर खूब सुर्खियां बटोर रहा था। वो नाम था बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का। इसमें नीतीश कुमार का नाम आगे की पंक्ति में था क्योंकि नीतीश कुमार के पीछे की इतिहास देखते हुए लोगों के द्वारा यह अनुमान लगाया जा रहा था कि नीतीश कुमार जीवन के अंतिम पड़ाव पर शुरू से पीएम बनने की इच्छा पाले हुए कहीं पलटी न मार दें। हालांकि नीतीश कुमार महागठबंधन के अगुआ बनने के बाद एक एक लोकसभा चुनाव से पहले पलटी मारकर NDA में शामिल होकर पीएम मोदी के साथ जहानाबाद में मंच साझा करते हुए उनसे कहा था कि बीच में इधर-उधर चले गए थे अब कही नहीं जाएंगे आपके साथ ही रहेंगे। साथ ही उसके बाद कई मंचों से नीतीश कुमार को सुनने के बाद ऐसा लग रहा था कि नीतीश कुमार पूरी तरह से NDA मतलब मोदी जी के साथ ही रहेंगे।
इसके बाद लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद मोदी सरकार मतलब भाजपा 240 सीटें लाकर अल्पमत में आ गई और बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी JDU और BJP को 12-12 सीटें मिली और चिराग पासवान को 5 सीटें मिली। इसके बाद विपक्ष के बांछे खिल गई, कारण यह बना कि नीतीश कुमार जो कि महागठबंधन के अगुआ थे, अगर फिर से विपक्ष के साथ आ जाते हैं तो NDA अल्पमत में रह जायेगी और तीसरी बार नरेंद्र मोदी पीएम नहीं बन पाएंगे। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव की दिली इच्छा भी यही थी नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम नहीं बनने देंगे। इसके लिए शायद नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाने का भी विपक्ष के द्वारा ऑफर दिया गया।
हालांकि इसबार नीतीश कुमार अपने बातों पर अडिग रहते हुए और मोदी जी को दिल में बसाये रखा और NDA का हाथ थामे रहे। चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली में NDA और इंडी गठबंधन दोनों के द्वारा बैठक बुलाई गई, जिसके लिए बिहार से महागठबंधन के मुख्य सहयोगी दल के नेता तेजस्वी यादव और NDA के मुख्य सहयोगी दल के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक ही प्लेन से चिराग पासवान और अन्य सहयोगी और करीबी नेताओं के साथ पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरा था तो कुछ नया होने की उम्मीदें जगी। बावजूद नीतीश कुमार इसबार अपनी बातों पर अडिग रहते हुए NDA की बैठक में शामिल हुए और वहां सभा को सम्बोधित करते हुए विपक्ष पर निशान साधते हुए पीएम मोदी से जल्दी शपथ लेकर काम शुरू करने का आग्रह भी किया था।
उसके बाद ऐसा लगा कुछ नया होगा और मीडिया जानकारों के द्वारा भी यह अनुमान लगाए जाने लगा कि नीतीश कुमार के पार्टी से शीर्ष नेताओं को अहम विभाग दी जायेगी। इसके साथ ही यह भी खबर चलने लगी कि नीतीश कुमार इस बार रेल और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर नरेंद्र मोदी के साथ हैं। साथ ही यह भी खबर चल रही थी कि चंद्रबाबू के पार्टी के नेता को भी कुछ ज्यादा ही खास विभाग दिया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं भाजपा हालांकि उनकी एक मांग स्पीकर की है जिसके लेकर अडिग है। लेकिन देखना होगा कि आगे होता है क्या?
विभागों का वितरण करते हुए मोदी सरकार के द्वारा बिहार से शामिल सहयोगी दल NDA, LJP-R और HAM के साथ ही BJP से 8 नेताओं को मंत्री बनाया गया। हम (से०) से पूर्व मुख्यमंत्री HAM सुप्रीमो और गया से सांसद जीतनराम मांझी को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाते हुए सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग विभाग दिया गया। JDU से तीसरी बार मुंगेर से सांसद बने ललन सिंह को पंचायती राज, मतस्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री बनाया गया। JLP-R से चिराग पासवान को चाचा पशुपति पारस वाला विभाग खाद्य परिसंचरण विभाग के साथ ही BJP से सांसद गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। लेकिन इसमें चिराग पासवान को ऊर्जा और ललन सिंह को रेल मिलने की बातों की चर्चा मीडिया में खूब चल रही थी।
अब इसके बाद बिहार में विपक्ष की बात करें तो महागठबंधन को धार देने वाली मुख्य सहयोगी दल RJD के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने X पर ट्वीट करते हुए कहा है कि बिहार से नई सरकार बनाने में बिहार की मुख्य भूमिका रही इसके बाबजूद जिस तरह से विभाग वितरण को लेकर नजरअंदाज किया गया है। मोदी जी के 10 वर्ष पूर्व के वादानुसार एवं झारखंड बंटवारे के बाद सन् 2002 से हमारे दल की पुरानी माँग तथा अधिकार रैलियों के माध्यम एवं अभी दो महीने पूर्व तक CM नीतीश जी की केंद्र सरकार से निरंतर डिमांड के मद्देनज़र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज का हम बिहार वसियों को इंतज़ार रहेगा। वैसे मंत्रिमंडल बंटवारे में तो बिहार को झुनझुना थमा दिया गया। हम बिहारवासी जानते हैं कि बिहार की तरक़्क़ी के बग़ैर देश तरक़्क़ी नहीं कर सकता।