जिंदगी और कुछ भी नहीं… भारत के कुमार को अलविदा…

सही के साथ खड़ा रहना उनकी प्रकृति थी। शोले को जब सेंसर

बिहार की कहानियों से फिल्मकारों को परहेज : प्रो. देव

पटना: पटना पुस्तक मेले में चल रहे 'सिनेमा-उनेमा फिल्मोत्सव' के दूसरे दिन

‘बहुमत’ से दूर सिनेमा: हमारे फिल्मकारों को राजनीति की सीमित समझ

प्रशांत रंजन देश में विगत तीन महीने से चुनाव का माहौल रहा।