अनादि हैं गयाजी

अनादि काल से करोड़ों लोगों के हृदय में, मन में, वाणी में

बुद्धों का गयाजी

ऐतिहासिक प्रमाणों की उपेक्षा कर समाज में यह अवधारणा बना दिया गया

सर्वव्यापी गयाजी

इतिहास की आड़ में गयाजी के माथे पर सनातन और बौद्ध संघर्ष

नैरेटिव भ्रमजाल में ‘गयाजी’

हिन्दू धर्म के अनुयायी मानते है कि बिहार का मगध पुण्य रहित

प्रासंगिक है गयाजी की सामाजिक समरसता

गयाजी कई मामलों में अन्य तीर्थों से निराला हैं। मुसलमानों के आक्रमण

गयाजी यानी भारत बोध की भूमि

              गयाजी की सांस्कृतिक यात्रा कब

भव्य अयोध्या, दिव्य काशी…अब गयाजी की बारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि आजादी के शताब्दी महोत्सव पर