मनोविज्ञान विभाग तथा काउंसिलिंग सेल के संयुक्त तत्वावधान में विशेष व्याख्यान आयोजित
पटना: काॅलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एवं साइंस के मनोविज्ञान विभाग द्वारा मंगलवार को महाविद्यालय के काउंसिलिंग सेल तथा परामर्शण एवं पुनर्वास कोर्स के सहयोग से स्वामी सहजानंद सभागार में मंगलवार को तनाव प्रबंधन एवं संवेगात्मक स्वास्थ्य विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। आमंत्रित वक्ता प्रो. रजनीश कुमार गुप्ता, (अध्यक्ष, स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर) ने तनाव की प्रकृति एवं प्रकार तथा तनाव से बचाव और बनाव के प्रबंधन के लिए बेहद उपयोगी जानकारी अत्यंत रोचक ढंग से छात्रों के बीच रखी।
प्रो. रजनीश ने तनाव क्या है? कितने प्रकार का तनाव होता है? इससे कैसे उबरें? आदि जिज्ञासाओं को उदाहरणों व संदर्भों के माध्यम से बताया। हल्का सा स्ट्रेस जीवन में आगे बढ़ने के लिए उत्प्ररक का कार्य करता है। लेकिन, जब यह बढ़ने लगे, तो इसे कम करने के लिए प्रयास करने चाहिए। इसके अतिरिक्त संवेगात्मक स्वास्थ्य (इमोशनल हेल्थ) को लेकर उन्होंने कहा कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद स्वयं के लिए समय निकालने, मन की खट्टी-मीठी बातें प्रियजनों से साझा करने, करीबी मित्रों के साथ फुर्सत के कुछ पल गुजारने से संवेगात्मक स्वास्थ्य बना रहता है और तनाव को बढ़ने नहीं देता। परिस्थितियों का नकारात्मक मूल्यांकन, विवेचना और विश्लेषण और हमारी नकारात्मक प्रवृत्तियां हमारे तनाव का मूल कारण है। आवश्यकता है कि हम सचेतन और सजग होकर इन नकारात्मकताओं का प्रभावी मूल्यांकन करें और उसी अनुरूप प्रतिक्रिया करें। तनाव का निराकरण और एक संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति संज्ञानात्मक चिकित्सा की विभिन्न तकनीकों जैसे योग एवं माइंडफूल ध्यान, सांस लेने के व्यवस्थित तौर-तरीकों, माइंडफुल ईटिंग के द्वारा आसानी से की जा सकती है। वर्तमान समय में तनाव मानवीय जीवन का एक अवांछनीय अंग बनता जा रहा है और हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव डाल रहा है। इसके प्रबंधन पर लगातार कार्य करने की जरूरत है।
इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. जय मंगल देव ने कहा कि इस विभाग द्वारा लगभग दो दशकों से आमंत्रित विद्वानों के विशेष व्याख्यान के आयोजन होते रहे हैं। इसी कड़ी के विस्तार में यह आयोजन हुआ है। तनाव व संवेगात्मक स्वास्थ्य जैसे आवश्यक विषय पर आमंत्रित वक्ता को सुनने के लिए पूरा सभागार सुधि श्रोताओं से भरा हुआ है, यह संतोष की बात है। हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. मंगला रानी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
सत्र की अध्यक्षता प्रो. प्रणय गुप्ता ने की, वहीं धन्यवाद ज्ञापित किया डा. रवि रंजन ने। प्रो. दिनेश कुमार ने पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र प्रदान कर अतिथि विद्वान का स्वागत किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित शिक्षकों तथा छात्र छात्राओं की महती भूमिका रही।