शेखपुरा के निलंबित अंचालधिकारी प्रिंस राज के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की अलग—अलग टीमों ने आज छापा मारा। यह छापेमारी अंचलाधिकारी के शेखपुरा और मधुबनी स्थित आवास पर चल रही है। विशेष निगराई इकाई (एसवीयू) की अलग-अलग टीम प्रिंस राज के शेखुपरा और मधुबनी स्थित ठिकाने पर पहुंची। डीएसपी के नेतृत्व में यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई है। प्रिंस राज को 2019 में बिहार सरकार के राजस्व सेवा में सीओ के पद पर बहाल किया गया था। सूत्रों के अनुसार एसवीयू की छापेमारी में अंचलाधिकारी का एक बड़ा फर्जीवाड़ा भी सामने आया है। पता चला कि सीओ ने दो बार मैट्रिक की परीक्षा दी है और दोनों बार अलग-अलग नाम से पास की है। 2004 में धर्मेंद्र कुमार के नाम से और 2006 में प्रिंस राज के नाम से निलंबित सीओ ने मैट्रिक परीक्षा पास की है।
बताया जाता है कि अंचलाधिकारी के दोनों सर्टिफिकेट स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने जब्त कर लिए हैंं। एसवीयू के अनुसार जांच में चला कि प्रिंस राज के पास उनकी आय से 90 प्रतिशत संपत्ति है। 2019 में प्रिंस राज अंचलाधिकारी बने थे। योगदान के दौरान उन्होंने करीब 28 लाख दो हजार रुपये की संपत्ति नाजायज ढंग से अर्जित की। इसका कोई स्पष्टीकरण उनके पास नहीं है। इसके अलावा प्रिंस राज ने जमीन, मकान में जो निवेश किया है, उन स्थानों का स्पष्ट उल्लेख उनके द्वारा बताई गई संपत्ति में नहीं है।
एसवीयू की ओर से बताया कि प्रिंस राज ने बैंक, जमीन और फ्लैट मिलाकर अपने पास कुल 45 लाख दो हजार रुपये की संपत्ति का जिक्र किया है। जबकि सरकारी सेवा में सैलरी व अन्य भर्तों के जरिए उन्होंने तीस लाख रुपये ही प्राप्त किए। इसमें से 13 लाख रुपये उन्होंने कर्ज और 17 लाख रुपये नकद बताया है। लेकिन, जांच में पता चला कि 28 लाख दो हजार रुपये उन्होंने नाजायज ढंग से कमाया है। इतना ही नहीं घर की तलाश के दौरान और भी संपत्ति का पता चला, जिसका खुलासा प्रिंस राज ने नहीं किया। फिलहाल मधुबनी और शेखपुरा में छापेमारी चल रही है।