बिहार की सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल लागू करने की मांग को लेकर आज शुक्रवार को हजारों छात्रों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। आगामी चुनाव को देखते हुए अभ्यर्थी नीतीश सरकार से अपनी मांगें मनवाना चाहते हैं। आज पटना के कारगिल चौराहा से छात्र जुलूस की शक्ल में डाक बंग्ला होते हुए सीएम हाउस का घेराव करने के लिए मार्च पर निकले।छात्रों ने अपने हाथों में तिरंगा थाम रखा था और वे नारेबाजी करते हुए सीएम हाउस जाने के लिए आगे बढ़े। लेकिन जेपी गोलंबर के पास पटना पुलिस ने उन्हें रोक लिया। अभ्यर्थी आगे न जा पाएं, इसके लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। वहां अभ्यर्थी बिहार सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे। उनका कहना है कि बिहार सरकार जल्द से जल्द डोमिसाइल नीति लागू करे।
छात्रों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी बातों को सुनेंगे और बिहार में भी अन्य प्रदेशों की तरह डोमिसाइल नीति लागू होगी। छात्रों का कहना है कि 33% आरक्षण सिर्फ बिहार की महिला अभ्यर्थियों को है यह 2016 से चला रहा है सिर्फ उसका स्पष्टीकरण दिया गया है और यह डोमिसाइल नहीं है। उन्हें स्पष्ट डोमिसाइल नीति चाहिए और बिहार की प्रतियोगी परीक्षाओं में एक प्रश्न पत्र बिहार से संबंधित पूछे जाने चाहिए। छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि डोमिसाइल बिहार के छात्रों का हक है। बिहार से बाहर कुछ राज्यों मे प्रत्यक्ष, जबकि कुछ राज्यों मे अप्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल लागू है। इस वजह से बिहार के अभ्यर्थियों को दूसरे राज्यों में नौकरी पाने में नुकसान हो रहा है।
छात्रों ने कहा कि कुछ राज्यों मे परीक्षा की प्रक्रिया और सिलेबस ऐसा बनाया गया है, जिससे उस राज्य से संबंधित प्रश्न अधिक पूछकर उस राज्य के अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया जाता है। इसलिए छात्रों की मांग है कि बिहार मे भी बिहार से संबंधित अधिक प्रश्न पूछकर अप्रत्यक्ष डोमिसाइल लागू किया जाए। छात्र नेता दिलीप कुमार ने मांग करते हुए कहा है कि 90 प्रतिशत डोमिसाइल प्रत्यक्ष रूप से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह 10 प्रतिशत सीट खुली रही जाए, जिसमे बिहार से बाहर के अभ्यर्थियों का चयन हो सके तथा मेरिट के आधार पर बिहार के अभ्यर्थी भी चयनित हो सकते हैं।