केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में नई एनडीए सरकार के गठन के बाद अब सबकी निगाहें 26 जून को होने वाले लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव पर टिकी है। जहां कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष एनडीए सहयोगियों को उकसा रही कि वे स्पीकर अपने दल का ही लाने की शर्त रखें, वरना भाजपा उनकी पार्टी में तोड़फोड़ कर सकती है। दूसरी तरफ एनडीए के दो अहम पार्टनरों में से एक नीतीश की जदयू तो भाजपा के पक्ष में स्टैंड क्लियर कर चुकी है, लेकिन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी इस पर सर्वसम्मति बनाने की बात कह रही है। ऐसे में भाजपा के स्पीकर के लिए पीएम मोदी की टेंशन बढ़ती नजर आ रही है।
जदयू ने लिया बीजेपी के पक्ष में स्टैंड
संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो जाएगा। सत्र के तीसरे दिन 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है। इस मुद्दे पर नीतीश कुमार की जदयू ने साफ कर दिया है कि बीजेपी जो भी फैसला करेगी, पार्टी उसका समर्थन करेगी। वहीं चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने कहा है कि गठबंधन में सभी सभी दलों की सहमति से उम्मीदवार का चयन करना चाहिए। जदयू नेता केसी त्यागी कह चुके हैं कि जेडीयू और टीडीपी एनडीए में सहयोगी हैं और वे भारतीय जनता पार्टी द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने यह कहा
टीडीपी प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने बयान दिया है कि लोकसभा का स्पीकर सर्वसम्मति से चुना जाना चाहिए। इसको लेकर एनडीए के सभी सहयोगियों को एक साथ बैठना चाहिए और फिर यह तय किया जाना चाहिए कि स्पीकर के लिए एनडीए का सर्वसम्मत उम्मीदवार कौन होगा। टीडीपी के इस स्टैंड के बाद भाजपा आलाकमान का सिरदर्द बढ़ना लाजिमी है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी। सबसे बात करके स्पीकर का उम्मीदवार हम तय कर लेंगे।