PATNA : शिवराज सिंह चौहान के लिए राष्ट्रीय राजनीति का खुला मार्ग..अगर सरकार बनी तो मिलेगी बड़ी जिम्मेदारीह चौहान अब केंद्र की राजनीति में एक्टिव नज़र आएंगे। एक रैली के दौरान जैसे ही PM मोदी ने कहा कि वह शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली यानि कि केंद्र की राजनीति में ले जायेंगे वैसे ही ये खबर सुर्ख़ियों में आ गयी की भाजपा के इस कद्दावर नेता की एंट्री राष्ट्रीय राजनीति में होने वाली है। इस बात का हिंट खुद पीएम मोदी ने दिया है।अब पीएम के इस बयान के बाद कयासों का बाजार गर्म है,और कई तरह की बातें राजनितिक जगत में होने लगी है।
शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है विदिशा
विदिशा को शिवराज सिंह चौहान का गढ़ माना जाता है और वो यही से अर्थात विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा से है लेकिन सबसे बड़ी बात है कि कांग्रेस अबतक यहां से मात्र दो दफे ही लोकसभा चुनाव जीत पाई है। पहली बार 1980 में और उसके बाद 1984 में एमर्जेन्सी के बाद और इंदिरा गांधी की जीत और फिर उनकी मृत्यु के के वजह से पैदा हुई सिम्पथी के दम पर यह सीट कांग्रेस की झोली में गयी थी लेकिन वर्तमान की परिस्थितियां बदाल गयी है।
पीएम मोदी ने शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की
बात मध्य प्रदेश के हरदा में एक रैली की है जहां सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि पार्टी संगठन में हो या मुख्यमंत्री किसी भी जगह पर रहते हुए हमने साथ-साथ और एकजुट होकर काम किया है। “जब शिवराज संसद गए थे, तब मैं पार्टी महासचिव के रूप में साथ काम कर रहा था। अब मैं उन्हें एक बार फिर अपने साथ दिल्ली ले जाना चाहता हूं।
आठ विधानसभा सीटों में से सात पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है
PM मोदी के इस भाषण के कई मायने निकाले जा रहे है और संकेत तो यह भी मिल रहा है कि इनको कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। विदिशा लोकसभा सीट के आठ विधानसभा सीटों में से सात पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है और सुरक्षित सीट है। 2009 के लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज ने करीब 3.90 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। ऐसे में भाजपा को अपने वैचारिक संरक्षक के दबाव में शिवराज सिंह चौहान को इस सीट से मैदान में उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि भाजपा के इस कद्दावर नेता की एंट्री राष्ट्रीय राजनीति में होने वाली है।