विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलिपुरम से बिहार के मोतिहारी के लिए चल पड़ा है। नए साल के जनवरी माह में इसे कैथवलिया में बन रहे विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा। खासियत यह कि 2 लाख 10 हजार किलो वजनी यह शिवलिंग एक ही पत्थर से गढ़ा गया है। पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में लगभग तैयार विराट रामयण मंदिर भगवान राम की पूरी कहानी पर आधारित है। इसी मंदिर में ग्रेनाइट पत्थर से बना ये शिवलिंग स्थापित होगा।दुनिया में किसी एक पत्थर को काटकर बनाया गया यह एकमात्र शिवलिंग है।
मंत्रोच्चार के बाद इसे 96 चक्के वाले ट्रक पर लादकर रवाना किया गया। शिललिंग लदा यह ट्रक 4 राज्यों—तामिलनाडु से आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा के रास्ते से गुजरते हुए बिहार पहुंचेगा। इस शिवलिंग को बिहार लालू के लिए रास्ते में कई सड़कों का चौड़ीकरण तथा पुलों को मजबूत किया गया। विराट रामायण मंदिर 123 एकड़ में बन रहा है। इस शिवलिंग को
10 साल की मेहनत से बनाया गया है और इसे विनायक वेंकटरमण की कंपनी ने तैयार किया है। इसके निर्माण में करीब 3 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस विशालकाय शिवलिंग के वास्तुकार लोकनाथ हैं।
पूर्वी चंपारण में विराट रामायण मंदिर का निर्माण पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट समिति करा रही है। मुख्य मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा है। इसमें कुल 18 शिखर के साथ 22 और मंदिर होंगे। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 270 फीट रखी गई है। गर्भगृह, परकोटा, प्रांगण, प्रवेश द्वार, सिंह द्वार, गणेश स्थल, नंदी मंडप और मुख्य पाइलिंग के कार्य पूर्णता की ओर पहुंच रहे हैं। अब तीसरा चरण चल रहा है, जिसमें 12 शिखरों का निर्माण, दीवारों पर रामायण कथाओं की चित्रकारी और बाहरी फिनिशिंग शामिल है। चुनार के चूना पत्थरों का उपयोग बाहरी सतह के लिए किया जा रहा है जो मौसम प्रतिरोधी और शैवाल-मुक्त हैं। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जा रहा है। मंदिर में 4 बड़े आश्रम होंगे। यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर से तीन गुना बड़ा और कंबोडिया के अंकोरवाट से ऊंचाई में दोगुना होगा। जानकार कहते हैं कि यह बिहार को वैश्विक धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनाएगा।