बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत आज मंगलवार की सुबह और बगड़ गई। उन्हें दिल्ली एम्स की आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है। इसी बीच आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन कर लोक गायिका शारदा सिन्हा के बेटे से उनका हालचाल जाना। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने बताया कि कल सोमवार की शाम से ही शारदा सिन्हा की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया। पीएम मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान से फोन पर बात करते हुए उन्हें हिम्मत के साथ मां का इलाज कराने में डटे रहने को कहा। अंशुमान सिन्हा ने कहा कि उनकी मां को दुआओं की काफी ज्यादा जरूरत है। लोग दुआ करें कि उनकी मां वेंटिलेटर से बाहर आ जाएं।
कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हैं लोकगायिका
पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीया लोक गायिका शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं। उनके चर्चित गानों में ‘विवाह गीत’ और ‘छठ गीत’ शामिल हैं। संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। छठ गीतों से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के आम लोगों के दिलों पर राज करने वाली लोकगायिका पिछले हफ्ते से एम्स में इलाजरत हैं। 1 अक्टूबर 1952 को जन्मी शारदा को बचपन से ही संगीत का शौक था।
सुपौल के हुलास गांव की बेटी शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ। बचपन से ही उन्हें संगीत का माहौल मिला। उनके ससुराल वाले बेगूसराय जिले के सिहमा गांव के थे, जहां उन्हें मैथिली लोकगीत सुनने का मौका मिला। यहीं से संगीत के प्रति उनका प्रेम और गहरा होता गया। स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के बीमार होने और वेंटिलेटर पर जाने की खबर के बाद उनके पैतृक गांव हुलास में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के लोग शारदा सिन्हा के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। हुलास गांव स्थित शारदा सिन्हा के पैतृक गांव में लोग काफी उदास हैं। जहां पहले खपरैल का घर हुआ करता था जो अब टूट चुका है। लेकिन पुराने घर की निशानी अब भी मौजूद है।
छठ गीत से जुड़ी शारदा सिन्हा की पहचान
शारदा सिन्हा हमेशा से छठ पूजा के गीतों से जुड़ी रही हैं। उन्होंने ‘केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके’ और ‘सुनअ छठी माई’ जैसे कई प्रसिद्ध छठ गीत गाए हैं। उनके गीतों ने इस त्योहार को और भी खास बना दिया है। शारदा सिन्हा ने सिर्फ मैथिली ही नहीं, बल्कि भोजपुरी, मगही और हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा। उन्हें प्रयाग संगीत समिति ने अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। इलाहाबाद में हुए बसंत महोत्सव में शारदा ने अपने गायन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।