मशहूर लोकगायिका और बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का कल 5 नवंबर की रात 9. 20 बजे दिल्ली एम्स मे निधन हो गया। छठ महापर्व के पहले दिन आई इस खबर ने उनके परिवार के साथ ही पूरे बिहार को शोक में डूबो दिया। लेकिन आश्चर्य यह कि छठ पूजा को अपनी गायिकी से ग्लोबल पहचान दिलाने वाली शारदा सिन्हा ने इस दुनिया से जाने का भी जो दिन चुना वह छठ पूजा के प्रारंभ यानी ‘नहाय—खाय’ वाला दिन ही था। छठ महापर्व शारदा सिन्हा के अमर गीतों के बीच समूचे बिहार में मनाया जा रहा है। लेकिन उनके निधन की खबर के बाद यह थोड़ा अधूरा—अधूरा सा लग रहा है। उनके बिछड़ने से ऐसा लग रहा है जैसे हमारी इस पर्व से जुड़ी यादें और आस्था का एक हिस्सा छिन गया है।
बेटे अंशुमान ने दी अंतिम संस्कार की जानकारी
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर आज सुबह दिल्ली से पटना लाया गया। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने जानकारी दी है कि उनकी मां का अंतिम संस्कार राजधानी पटना के गुलबी घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर उसी स्थान पर किया जाएगा जहां करीब एक महीने पहले शारदा सिन्हा के पति का अंतिम संस्कार हुआ था। एक ही महीने में माता-पिता को खोना अंशुमान के लिए बहुत ही पीड़ादायक है। अंशुमान ने बताया कि उनकी मां की कुछ इच्छाएं हैं, जिनका उनके अंतिम संस्कार में पूरी तरह पालन किया जाएगा।
आज दिन में विमान से पटना पहुंचेगा पार्थिव शरीर
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर सुबह की फ्लाइट से दिल्ली से पटना लाया गया। यहां उनका पार्थिव शरीर राजेंद्र नगर स्थित आवास पर रखा जाएगा। यहां उनके चाहने वाले उन्हें आखिरी बार श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद शारदा सिन्हा की अंतिम यात्रा कल सुबह गुलबी घाट के लिए निकाली जाएगी। ऐसा इसलिए कि उनके नैहर और ससुराल के सभी सगे संबंधी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो सकें। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने बताया कि पटना में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी गणमान्य लोग उन्हें अपनी श्रद्धांजलि पेश करेंगे।