पटना : बिहार में शराबबंदी कानून के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर दो लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। एक लाख याचिकाकर्ता को और एक लाख अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा होगा। बेगूसराय में एक एथेनॉल लदे टैंकर की कथित रूप से अनुचित जब्ती को लेकर लगाया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी० बी० बजनथ्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मधु ट्रांसपोर्ट की याचिका पर आदेश दिया है।
दरअसल, याचिकाकर्ता का कहना था कि उनकी टैंकर गाड़ी 40,000 लीटर एथेनॉल लेकर इंडियन ऑयल, बरौनी रिफाइनरी जा रही थी। गाड़ी में आवश्यक वैध दस्तावेज मौजूद थे। बावजूद, पुलिस ने टैंकर को संदेह के आधार पर जब्त कर और शराब अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर दी। वहीं, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब्ती के समय टैंकर में पूरा 40,000 लीटर एथेनॉल डिजिटल लॉक से सुरक्षित था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एथेनॉल का दुरुपयोग नहीं हुआ था।
वहीँ, कोर्ट ने इसे अधिकारों का अंधाधुंध प्रयोग बताते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले की विभागीय जांच कराए और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही, ₹1 लाख याचिकाकर्ता को और ₹1 लाख अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा कराने का निर्देश दिया गया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर 2016 से ही बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। बाबजूद शराब कारोबारी और शराबी बाजा नहीं आ रहे हैं। आए दिन अवैध शराब की बरामदगी होती है।वहीँ, राज्य में जहीरीली शराब से कई लोगों की जान भी गई है।