लखीसराय जिले में शिक्षा विभाग की योजनाओं में बड़े पैमाने पर घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 36 प्रधानाध्यापकों समेत कुल 49 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इस फर्जीवाड़े में हेडमास्टरों के अलावा 13 वेंडर भी शामिल पाए गए जिसके बाद उनके खिलाफ डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। जिला शिक्षा अधिकारी संजय कुमार के मुताबिक, यह घोटाला विद्यालयों के विकास के लिए निर्धारित योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी के रूप में सामने आया है। इन सभी 49 लोगों पर शिक्षा विभाग के डीपीओ ने टाउन थाना में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।
अधिकारियों के मुताबिक लखीसराय में डीएम के आदेश पर 52 योजनाओं की जांच कराई गई। इनमें से 29 योजनाओं में भ्रष्टाचार पाया गया जिसमें विद्यालयों के विकास के लिए तय राशि का गलत तरीके से भुगतान किया गया। डीपीओ ने जांच के बाद दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई हैं इस मामले में 36 प्रधानाध्यापक और 13 वेंडर आरोपी बनाए गए हैं। इन आरोपियों ने योजनाओं के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से राशि का भुगतान करा लिया। इनमें से कुछ प्रधानाध्यापक तो पहले से ही संदिग्ध थे। आरोप है कि इन प्रधानाध्यापकों ने शिक्षा विभाग की योजनाओं में अनियमितताएं कीं और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
इस घोटाले में हेडमास्टरों के अलावा 13 वेंडरों के नाम भी सामने आए। इनमें अमन ट्रेडर्स, नव्या इंटरप्राइजेज, एसआरएस ट्रेडर्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। आरोप है कि इन सभी वेंडरों ने बिना काम किए ही राशि का भुगतान करा लिया। मामले में शिक्षा विभाग की तरफ से कड़ी कार्रवाई की बात करते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ पूरी कानूनी प्रक्रिया को अपनाने का आश्वासन दिया है। विभाग ने इस मामले में सभी आरोपी प्रधानाध्यापकों को निलंबित करने की सिफारिश की है और वेंडरों पर भी सख्त कार्रवाई करने तथा उन्हें ब्लैक लिस्ट में डालने की बात कही गई।