नीतीश सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री तथा भाजपा नेता संजय सरावगी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें फर्जी हिंदू करार दिया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी जरूरत पड़ने पर मंदिर जाते हैं और वहां से निकलते ही टीका मिटा देते हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी खुद विधानसभा में नजर नहीं आते, लेकिन बयानबाज़ी में सबसे आगे रहते हैं। मिथिला क्षेत्र में तेजस्वी यादव अहिल्या महोत्सव में शामिल हुए, जहां उन्होंने धार्मिक टीका-चंदन तो लगवाया, लेकिन बाद में उसे मिटा दिया। यह उनकी दिखावटी आस्था को दर्शाता है। जरूरत पड़ने पर मंदिर जाते हैं और फिर बाहर निकलते ही टीका मिटा देते हैं। जनता अब इन फर्जी हिंदुओं को पहचान चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जिनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक सजा सुना चुका है, वे आज फिर सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं।
संजय सरावगी ने आगे कहा कि इनके माता—पिता के शासन काल में इन लोगों ने बिहार को 15 साल तक लूटने का काम किया। अब ये खुद को जनता का हितैषी बताने का ढोंग कर रहे हैं। एक जाति, एक परिवार की पार्टी चलाने वाले आज लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, जबकि सच यह है कि उनके शासनकाल में व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर तक घर छोड़कर पलायन कर गए थे। बिहार की जनता आज भी वह दौर नहीं भूली है। बिहार की जनता इन्हें पहले भी नकार चुकी है और आगे भी नकार देगी।
जब मंत्री से डेलिगेशन भेजने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार का प्रतिनिधिमंडल माननीय सांसदों के नेतृत्व में विदेश गया है, जिसमें विपक्ष के नेताओं को भी शामिल किया गया था। लेकिन वहां भी आपसी खींचतान दिखी, कौन जाएगा, कौन नहीं। कांग्रेस ने चार नाम दिए थे लेकिन केवल एक को भेजा गया। इससे यह साफ है कि अब विपक्ष भी मोदी सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने की होड़ में है। इससे वैश्विक मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता और नेतृत्व की ताकत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।