संजय यादव और रमीज नेमत। लालू परिवार में कलह करवाने के का आरोप इन्हीं दो बाहरी व्यक्तियों पर लगा है। तेजप्रताप और रोहिणी आचार्य ने इन दोनों को परिवार में झगड़ा करवाने वाले ‘जयचंद’ कहकर संबोधित किया। लालू के साले और राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने तो इन्हीं दोनों को इशारों—इशारों में तेजस्वी यादव को ब्लैकमेल करने वाला भी कह दिया। अब आज इन्हीं संजय यादव और रमीज नेमत की कुछ ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं, जिसमें ये दोनों तेजस्वी के साथ करीबी के बीच विदेश में गुलछर्रे उड़ाते दिख रहे हैं। लालू यादव के परिवार में अंदरूनी कलह करवाने का आरोप लगने के बीच संजय यादव और रमीज की विदेश यात्राओं की पुरानी तस्वीरें सामने आने के बाद सियासी हलके में भी हड़कंप मच गया है।
तेजस्वी का फायदा उठाने का आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही संजय यादव और रमीज नेमत की ये तस्वीरें काफी पुरानी हैं, लेकिन इनमें दोनों की लग्जरी होटलों में ठहराव, प्राइवेट यॉट पर पार्टी, हाई-एंड पब में मौज–मस्ती वाली सचित्र हकीकत ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। यह तस्वीरें ऐसे समय में सामने आई हैं जब बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी पहले ही सदमे में है। हाल में लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या ने पार्टी और परिवार दोनों से दूरी बनाने का ऐलान करके भूचाल ला दिया था। उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि संजय यादव और रमीज नेमत पार्टी में फूट डाल रहे हैं। दोनों पार्टी के राजनीतिक फैसलों में दखल दे रहे हैं और तेजस्वी यादव को गलत सलाह देकर गुमराह कर रहे हैं। रोहिणी ने यह भी दावा किया कि आंतरिक बैठकों में उन्हें धमकाया गया और चप्पल मारने की नौबत आ गई।
वायरल तस्वीरों से सियासी हड़कंप
सोशल मीडिया पर संजय यादव और रमीज नेमत की ये तस्वीरें काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। इससे विवाद को और हवा मिल रही है। दावा किया जा रहा है कि दोनों करोड़ों की विदेश यात्राएं करते हैं, प्राइवेट जेट से उड़ान भरते हैं, सात सितारा होटलों में रुकते हैं और कभी-कभी निजी यॉट भी किराए पर लेते हैं। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोनों के पास इस सबके लिए पैसे तेजस्वी से करीबी की वजह से आ रहे हैं। अब तक आरजेडी की ओर से न तो रोहिणी की नाराजगी पर और न ही वायरल तस्वीरों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया आई है। चुनावी हार से जूझ रही पार्टी के भीतर इन दोनों की विदेश यात्रा वाली इन तस्वीरों के बाद अब एक नया सिरदर्द सामने आ गया है। विदित हो कि हाल में समाप्त हुए विधानसभा चुनाव में राजद की कमान तो तेजस्वी के हाथ थी, लेकिन वे सभी निर्णय इन्हीं दोनों के कहने पर ले रहे थे। चुनाव में राजद ने 143 सीटों पर लड़कर सिर्फ 25 सीटें जीती।