सहरसा में आज सोमवार की सुबह एक स्कॉर्पियो गाड़ी में अचानक लगी आग की चपेट में आकर जिला पशुपालन अधिकारी डॉ. कुमोद कुमार गंभीर रूप से झुलस गए। घटना सहरसा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 11, नरियार में हुई। जिला पुशुपालन अधिकारी डॉ. कुमोद यहां एक किराए के मकान में रहते हैं। बुरी तरह झुलसे पशुपालन अधिकारी ने बताया कि स्कॉर्पियो घर के बिल्कुल पास खड़ी थी। जब उसमें आग लगी तो उसने उनके मकान को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया। आसपास के लोगों ने चिल्लाकर आग की आवाज लगाई तो वे बाहर निकलने लगे। इसी दौरान आग में घिरी स्कॉर्पियो से बह रहे डीजल पर उनका पैर फिसल गया और वे गिर पड़े। इसके बाद आग की तेज लपटों की चपेट में आ गए जिससे बुरी तरह झुलस गए।
सहरसा के जिला पशुपालन अधिकारी डॉ. कुमोद कुमार मूल रूप से छपरा जिले के पसरा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। वे पिछले एक साल से सहरसा में जिला पशुपालन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और नरियार स्थित आरती कुंज नाम के मकान में किराए पर रहते हैं। हादसे के बाद डॉ. कुमार को तुरंत सहरसा सदर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उन्हें तुरंत उचित इलाज नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनके अनुसार, सुबह करीब 4 बजे अस्पताल पहुंचने के बाद आधे घंटे तक उनका इलाज शुरू नहीं किया गया। उनका कहना है कि जब उन्होंने खुद सिविल सर्जन और डीएम को फोन करके घटना की जानकारी दी, तब जाकर उनका इलाज शुरू हुआ।
डॉ. कुमार ने सहरसा सदर अस्पताल की व्यवस्था को “लचर और लापरवाह” बताते हुए कड़ी आलोचना की। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, सुबह 10 बजे उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इस मामले पर सहरसा के सिविल सर्जन डॉ. आर.के. झा ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और इलाज में हुई देरी की भी समीक्षा होगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि इस तरह की लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।