पटना/नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में संपन्न हुए भव्य ग्रन्थप्रकाशनोत्सव में 43 नवीन ग्रन्थों का लोकार्पण किया।केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,नई दिल्ली में बीते शुक्रवार को भव्य ग्रन्थ प्रकाशनोत्सव का आयोजन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित 43 नवीन संस्कृत ग्रन्थों का लोकार्पण किया।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि यह कार्यक्रम मात्र ग्रन्थ विमोचन नहीं बल्कि भारतीय ज्ञानयज्ञ का उत्सव है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि मैं सामान्यतः किसी पुस्तक का विमोचन बिना पढ़े नहीं करता,लेकिन संस्कृत, विश्वविद्यालय और भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति सम्मान के कारण आज अपने नियम में अपवाद कर रहा हूं तथा श्रेष्ठ कार्य में नियम का उल्लंघन करने पर पुण्य प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा मानवता के नैतिक,आध्यात्मिक और वैज्ञानिक उत्थान की आधारशिला है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति,भारतीय जीवन मूल्यों और मानवहितकारी परंपरा को पुनःकेंद्र में स्थापित करती है।भारतीय ज्ञान परंपरा ही भारत को पुनः विश्व गुरु बनाएगी।मौके पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्वतजन सहित कई लोग मौजूद थे।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट